मतगणना को लेकर बढ़ी लोगों में उत्सुकता, चौक-चौराहे पर एक ही चर्चा कौन जीतेगा, कौन हारेगा

वोटिंग खत्म होते ही कई प्रत्याशी अपने समर्थकों के साथ मंदिर पहुंच कर जीत की कर रहे कामना

By RAJEEV KUMAR JHA | November 13, 2025 6:23 PM

– खेतों की पगडंडियों पर काम करते किसान भी दिखते हैं वोटों की गिनती के अनुमान लगाते – वोटिंग खत्म होते ही कई प्रत्याशी अपने समर्थकों के साथ मंदिर पहुंच कर जीत की कर रहे कामना त्रिवेणीगंज. विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान शांतिपूर्ण सम्पन्न होने के बाद क्षेत्र में राजनीतिक सरगर्मी थमने का नाम नहीं ले रही है. शहर से लेकर गांव, चौक-चौराहे और खेत-खलिहानों तक अब सिर्फ एक ही चर्चा है कौन जीतेगा और कौन हारेगा. चाय-पान की दुकानों से लेकर पंचायत के चौपालों तक बहसबाजी का माहौल गर्म है. एनडीए, महागठबंधन, जनसुराज और निर्दलीय उम्मीदवारों के समर्थक सुबह से शाम तक अपने प्रत्याशी को विजयी साबित करने में तर्क, आंकड़े और टीवी-सोशल मीडिया के रुझानों का सहारा ले रहे हैं. चाय की दुकानों पर समर्थकों की बहस का अंदाज ऐसा है कि मानो सभी अनुभवी चुनाव विश्लेषक यहीं हो. कोई बूथवार गणित समझा रहा है तो कोई जातीय समीकरणों का विश्लेषण कर रहा है. हर कोई अपने स्तर पर मतगणना के संभावित परिणाम का आकलन करने में जुटा है. मतदान संपन्न होते ही सभी प्रमुख दल समीक्षा बैठकों में सक्रिय हो गए हैं. प्रखंड, पंचायत और बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं से रिपोर्ट ली गई है. किस क्षेत्र में कितना वोट मिला, कहां बूथ प्रबंधन मजबूत रहा और कहां कमजोरी रही इसका आकलन जारी है. कुछ उम्मीदवारों में आत्मविश्वास झलक रहा है तो कुछ के माथे पर चिंता की लकीरें गहरी हो गई है. मंदिरों में प्रत्याशियों व समर्थकों की आवाजाही बढ़ी वोटिंग खत्म होते ही कई प्रत्याशियों का रुख अब मंदिरों और देवस्थानों की ओर है. अपने-अपने समर्थकों के साथ वे जीत की कामना में पूजा-पाठ कर रहे हैं. मंदिरों में इन दिनों प्रत्याशियों और उनके समर्थकों की आवाजाही काफी बढ़ गई है. इस बार महिला मतदाताओं की भागीदारी में रिकॉर्ड वृद्धि ने समीकरणों को पेचीदा बना दिया है. अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि महिलाओं का बढ़ा हुआ वोट किसके पक्ष में गया? लोगों का मानना है कि इस बार महिलाएं निर्णायक भूमिका निभा सकती हैं लेकिन उनका रुझान स्पष्ट नहीं होने से उम्मीदवारों की चिंता बढ़ी है. गांवों से शहर तक मतदाता अब तक किसी भी पार्टी के पक्ष में खुलकर बोलने से बच रहे हैं. पूछने पर मुस्कुरा देते हैं या जवाब टाल जाते हैं. यह खामोशी इस चुनाव को और रोमांचक बना रही है. लोगों का कहना है कि इस बार विधानसभा क्षेत्र का नतीजा चौंकाने वाला हो सकता है, क्योंकि लोगों ने इस बार सोच-समझकर मतदान किया है. नगर परिषद क्षेत्र के बंशी चौक, अस्पताल चौक, ब्लॉक चौक, पंचमुखी चौक, पुरानी बैंक चौक, कोशी कॉलोनी चौक से लेकर आसपास के गांवों तक चुनावी चर्चा जारी है. खेतों की पगडंडियों पर काम करते किसान भी वोटों की गिनती के अनुमान लगाते दिखते हैं. राजनीतिक जानकार का मानना है कि इस बार का मुकाबला बेहद करीबी रहेगा. कई सीटों पर जीत-हार का अंतर बहुत कम हो सकता है. ग्रामीण इलाकों से मिले संकेत किसी एकतरफा लहर की ओर इशारा नहीं करते. प्रत्याशियों, समर्थकों और आमलोगों में फैली यह बेचैनी शुक्रवार को समाप्त हो जाएगी.

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