कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पारदर्शिता के साथ समाप्त हुआ मतगणना
मतगणना केंद्र बीएसएस कॉलेज में सुबह से ही सुरक्षा एजेंसियों की तैनाती बढ़ा दी गई थी
सुपौल. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की मतगणना को लेकर जिले में सुरक्षा के कड़े और इंतजाम किए गए थे. प्रशासन ने इस प्रक्रिया को शांतिपूर्ण, पारदर्शी और निष्पक्ष ढंग से संपन्न कराने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी. मतगणना केंद्र बीएसएस कॉलेज में सुबह से ही सुरक्षा एजेंसियों की तैनाती बढ़ा दी गई थी. जिला प्रशासन की ओर से डीएम और एसपी स्वयं पूरी व्यवस्था की कमान संभाले हुए थे. दोनों अधिकारियों ने मतगणना स्थल का लगातार निरीक्षण किया और संबंधित पदाधिकारियों को आवश्यक निर्देश देते रहे. डीएम ने बताया कि मतगणना स्थल को तीन परतों वाली सुरक्षा व्यवस्था से लैस किया गया है, जिसमें जिला पुलिस, सशस्त्र बल एवं अर्धसैनिक बल की टीमें मुस्तैदी से तैनात थे. मतगणना केंद्र में प्रवेश के लिए विशेष पास जारी किए गए थे. मीडिया कर्मियों, उम्मीदवारों और एजेंटों की प्रवेश प्रणाली भी सख्ती से नियंत्रित की गई. सीसीटीवी कैमरों के जरिए हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही थी, ताकि मतगणना की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी बनी रहे. एसपी ने बताया कि कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए शहर के विभिन्न हिस्सों में भी पुलिस बल की अतिरिक्त तैनाती की गई है. संवेदनशील स्थानों पर पेट्रोलिंग बढ़ाई गई और किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए क्विक रिस्पांस टीम को अलर्ट मोड में रखा गया था. सख्त सुरक्षा, प्रशासनिक सतर्कता और उच्च-स्तरीय निगरानी के चलते सुपौल में मतगणना के दौरान पूरी स्थिति नियंत्रण में रही और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सफल बनाने में प्रशासनिक मशीनरी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. चौक-चौराहे पर तैनात थी पुलिस जिला मुख्यालय शुक्रवार को पूरी तरह पुलिस छावनी में तब्दील हो गया. प्रशासन ने शांतिपूर्ण और निष्पक्ष मतगणना सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा व्यवस्था का पुख्ता इंतजाम किया था. शहर के हर प्रमुख चौक चौराहे पर पुलिस बल के साथ-साथ अर्द्धसैनिक बल की टुकड़ियां तैनात कर दी गई थी. मतगणना केंद्र बीएसएस कॉलेज, सुपौल के आसपास सुरक्षा के कई चक्र बनाए गए थे, जहां सिर्फ पासधारक लोगों को ही प्रवेश की अनुमति दी जा रही थी. जिला मुख्यालय के संवेदनशील इलाकों में लगातार पुलिस की गश्ती हो रही थी. खासतौर पर रेलवे पटरी किनारे भी अर्द्धसैनिक बल के द्वारा पैनी निगरानी रखी जा रही थी ताकि किसी भी अप्रिय घटना या भीड़-भाड़ पर तत्काल नियंत्रण पाया जा सके. अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा में किसी तरह की ढिलाई नहीं बरती जा रही है. शहर में जगह-जगह बैरिकेडिंग की गई है और हर आने जाने वाले पर नजर रखा जा रहा है. सख्त सुरक्षा, सतर्क निगरानी और प्रशासन की सक्रियता के कारण पूरे जिले में मतगणना का कार्य शांतिपूर्ण रूप से संपन्न हुआ. मतगणना केंद्र के अंदर प्रवेश करने वाले हर व्यक्ति की गहन जांच की जा रही थी. प्रवेश द्वार पर तैनात सुरक्षा जवान पहचान पत्र, पास और ले जाए जा रहे हर सामान की बारीकी से जांच कर रहे थे. इसके साथ ही मेटल डिटेक्टर और हैंड-हेल्ड स्कैनर से व्यक्तियों को कई स्तरों पर जांच प्रक्रिया से गुजरना पड़ रहा था. किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए जा रहे थे. मतगणना के दौरान मतगणना केंद्र में राउंड-वाइज परिणामों की घोषणा होते ही माहौल उत्साह से भर उठा. जैसे ही किसी राउंड में किसी प्रत्याशी को बढ़त मिलती, उसके समर्थक खुशी से झूम उठते और नारेबाजी करते दिखाई देते. समर्थकों का उत्साह इतना अधिक था कि हर नए अपडेट के साथ केंद्र के बाहर जश्न जैसा माहौल बन जाता था. वहीं, मतगणना केंद्र के भीतर अधिकारी पूरी सतर्कता के साथ हर राउंड का परिणाम जारी कर रहे थे. बढ़त पाने वाले प्रत्याशी के समर्थकों की भीड़ ढोल-नगाड़ों, पटाखों और फूल-मालाओं के साथ उत्साह व्यक्त करती दिखी. दूसरी ओर, पीछे चल रहे प्रत्याशियों के खेमे में हल्की निराशा भी दिखाई दी, लेकिन सभी दलों ने परिणाम को शांतिपूर्वक स्वीकारने पर जोर दिया. कुल मिलाकर, सुपौल में मतगणना के दौरान लोकतांत्रिक उत्सव का जोश साफ झलक रहा था.
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