सहकारिता प्रसार पदाधिकारियों ने किया विरोध प्रदर्शन, विभागीय भेदभाव के खिलाफ धरना

एकदिवसीय सांकेतिक धरना की अध्यक्षता जिला संघ अध्यक्ष ओम प्रकाश महतो ने की

By RAJEEV KUMAR JHA | August 20, 2025 6:39 PM

सुपौल. बिहार राज्य सहकारिता प्रसार पदाधिकारी संघ के आह्वान पर मंगलवार को सुपौल जिले के सहकारिता प्रसार पदाधिकारियों ने विभागीय अन्याय और एकतरफा कार्रवाई के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया. जिला सहकारिता कार्यालय परिसर (सहकार भवन) में आयोजित इस एकदिवसीय सांकेतिक धरना की अध्यक्षता जिला संघ अध्यक्ष ओम प्रकाश महतो ने की. इस दौरान सभी सहकारिता प्रसार पदाधिकारी काला बिल्ला और काली पट्टी लगाकर विरोध दर्ज कराते नजर आए. धरना में मौजूद पदाधिकारियों ने कहा कि विभाग लंबे समय से उनके साथ भेदभाव और मानसिक प्रताड़ना कर रहा है. बार-बार मांग रखने के बावजूद सरकार और विभाग समस्याओं को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. इसी वजह से संघ ने इस सांकेतिक धरना के माध्यम से अपनी आवाज बुलंद की है. संघ के जिलाध्यक्ष ओम प्रकाश महतो ने कहा कि “हमारी मांगें बिल्कुल जायज और वर्षों से लंबित हैं. यदि सरकार शीघ्र निर्णय नहीं लेती है, तो संघ चरणबद्ध आंदोलन करेगा और जरूरत पड़ी तो राज्यव्यापी हड़ताल भी होगी. उन्होंने कहा कि सहकारिता प्रसार पदाधिकारी ही गांव-गांव में सहकारी आंदोलन को गति देते हैं और किसानों तक सरकारी योजनाएं पहुंचाते हैं. उनके साथ भेदभाव करना सहकारी आंदोलन की नींव को कमजोर करेगा. संघ के संयोजक प्रदीप कुमार और शीतेष कुमार झा ने विभागीय रवैये को अन्यायपूर्ण करार दिया. उनका कहना था कि वे लगातार किसानों के हित में काम कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी समस्याओं को नज़रअंदाज़ कर रही है. वक्ताओं ने विभाग द्वारा बिना कारण निलंबन, वेतन रोकने और अनावश्यक प्रशासनिक दबाव जैसी कार्रवाइयों की कड़ी निंदा की. संघ के मंत्री कमलेश कुमार राय और कोषाध्यक्ष सूर्यज्योति कुमार ने कहा कि यदि राज्य सरकार ने उनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं किया, तो जिला इकाई राज्य इकाई के निर्देशानुसार आगे के आंदोलन में भी शामिल होगी. संघ ने चेतावनी दी कि यह धरना केवल सांकेतिक है, लेकिन यदि स्थिति नहीं सुधरी तो अनिश्चितकालीन आंदोलन और कार्य बहिष्कार जैसे कठोर कदम उठाए जाएंगे. धरना के दौरान सभी पदाधिकारियों ने एक स्वर में सरकार से मांग की कि लंबित मुद्दों पर शीघ्र निर्णय लिया जाए, अधिप्राप्ति कार्य के लिए स्पष्ट गाइडलाइन जारी हो और पदाधिकारियों को अपने मूल कार्य के लिए अनुकूल माहौल उपलब्ध कराया जाए.

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