सुरसर नदी में बना चचरी पुल पानी के तेज धारा में ध्वस्त

पुल ध्वस्त होने से छात्रों को हो रही भारी परेशानी

By RAJEEV KUMAR JHA | August 18, 2025 8:06 PM

– पुल ध्वस्त होने से छात्रों को हो रही भारी परेशानी – ग्रामीणों ने डीएम से उच्च स्तरीय पुल निर्माण की थी मांग छातापुर. प्रखंड के झखाडगढ पंचायत वार्ड आठ स्थित धोबी घाट के समीप सुरसर नदी पर बना चचरी पुल सोमवार की सुबह पानी की तेज धारा में बह गया. बीते कुछ दिनों से नदी के जलस्तर में वृद्धि हुई थी और चचरी क्षतिग्रस्त हो रहा था. चचरी पुल बह जाने के कारण इलाके वासियों के समक्ष विकट समस्या उत्पन्न हो गई है. आरसीसी पुल के अभाव में आमलोगों के लिए पैदल आरपार होने हेतु चचरी एकमात्र विकल्प था. बताया गया कि स्थानीय लोगों ने सार्वजनिक सहयोग से उक्त चचरी का निर्माण करवाया था. लिहाजा चचरी से होकर रोजाना सैकड़ों लोग नदी के आरपार होते थे. लेकिन नदी की जलधारा लोगों के इस एकमात्र विकल्प को भी बहा ले गई. जिसके कारण छात्र छात्राओं के लिए विद्यालय अघोषित रूप से बंद हो गया है. वहीं नदी के पार खेत में लगी फसल की देखभाल व किसानी चौपट हो रही है. जबकि बीमार लोगों को इलाज के लिए अस्पताल जाना एक बड़ी समस्या बन गई है. पशु की चारा का व्यवस्था करना पशुपालकों के लिए चिंता का सबब बना हुआ है. ज्ञात हो कि एक माह पूर्व चैनेलाइजेशन कार्य का जायजा लेने डीएम धोबी घाट पहुंचे थे. जहां ग्रामीणों ने उच्च स्तरीय पुल का निर्माण करवाने की मांग की थी. स्थानीय ग्रामीण सुभाष कुमार यादव, बिजेंद्र यादव, मो युनुस, मो इमाबल्ली, विद्यानंद साह, मो करीमुद्दीन साफी, सरवन कुमार सिंह, मो रसूल साफी, मो जसीर, मो सत्तो साफी, मो जसरुद्दीन, मनिया खातून आदि ने बताया कि धोबी घाट पर नदी के मध्य में चैनेलाइजेशन कार्य कराया गया है. नवनिर्मित चैनल से होकर पानी का बहाव हो रहा था और उसी पर चचरी भी बना था. बताया कि पुल के अभाव में स्थानीय लोगों ने चंदा इकट्ठा कर सार्वजनिक सहयोग से बांस चचरी का निर्माण किया था. इलाके के लोग अपने रोजमर्रा के कामकाज हेतु जान जोखिम में डालकर चचरी के सहारे नदी आरपार कर रहे थे. रोजाना सैकड़ों लोगों को पैदल आरपार के लिए यह चचरी विकल्प था. बीमार लोगों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाने में दूसरे रास्ते से 10 किलोमीटर से अधिक का फेरा लगाने की मजबूरी बन गई है. यह भी बताया कि बहुत से किसानों का खेत नदी के उस पार है और फसल की देखभाल व किसानी करने में भी भारी समस्या उत्पन्न हो गई है. वहीं पशुपालक मवेशियों के चारा के लिए चिंतित हो रहे हैं. बताया कि चैनल के बाहर व मुख्य तटबंध के बीच दर्जनों किसानों ने जूट फसल की गोराई कर रखी थी. परंतु नवनिर्मित चैनल कई जगहों पर ध्वस्त हो जाने से नदी का बहाव फिर से तटबंध से सटकर होने लगी. नतीजतन गोराई किया हुआ जूट फसल को पानी की तेज धारा बहा ले गई. महंगे जूट फसल की भारी क्षति होने से किसान चिंतित हैं और सरकार से मुआवजे की आस लगाये बैठे हैं. कहते हैं अंचलाधिकारी सीओ राकेश कुमार ने बताया कि चचरी पुल ध्वस्त हो जाने की सूचना मिली है. नये चचरी निर्माण का विकल्प तलाश रहे हैं. बताया कि गोराई किया हुआ जूट फसल की क्षति पर मुआवजे का क्या प्रावधान है इस संदर्भ में वे बीएओ से बात करेंगे.

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