निर्मली में छठी बार निशाने पर लगी अनिरूद्ध की तीर, बुझ गयी लालटेन
चुनावी मुकाबले में इस बार भी जदयू के तीर के सामने प्रतिद्वंद्वी दलों की लालटेन सहित अन्य सभी प्रतीक फीके पड़ गए
सुपौल. कोसी की राजनीति ने एक बार फिर इतिहास बनते देखा. जब निर्मली विधानसभा क्षेत्र से जदयू के वरिष्ठ नेता अनिरुद्ध प्रसाद यादव ने लगातार छठी बार जीत हासिल कर अपना अपराजेय रिकॉर्ड कायम रखा. चुनावी मुकाबले में इस बार भी जदयू के तीर के सामने प्रतिद्वंद्वी दलों की लालटेन सहित अन्य सभी प्रतीक फीके पड़ गए. मतदाताओं ने एक बार फिर यह संदेश स्पष्ट कर दिया कि निर्मली में विकास, अनुभव और जनसेवा ही अंतिम निर्णायक ताकत है. अनिरुद्ध प्रसाद यादव की यह जीत केवल एक चुनाव परिणाम नहीं, बल्कि उनकी तीन दशक से अधिक की राजनीतिक विश्वसनीयता का प्रमाण है. उन्होंने निर्मली में वह विश्वास अर्जित किया है, जो किसी भी जनप्रतिनिधि के लिए लंबे समय तक बनाकर रखना बेहद कठिन होता है. वह लगातार छह बार जीतने वाले वे बिहार के चुनिंदा नेताओं में शुमार हो गए हैं, जिनकी पकड़ संगठन से लेकर जनता तक समान रूप से मजबूत है. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अनिरुद्ध प्रसाद यादव की लगातार सफलता के पीछे उनका जमीन से जुड़ा रहना और निरंतर विकास के प्रति समर्पण मुख्य कारण है. उन्होंने निर्मली में सड़क, पुल, शिक्षा, स्वास्थ्य और बाढ़ प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में कई योजनाओं को गति दी. इस चुनाव में भी विपक्ष ने पूरी ताकत झोंकी, लेकिन जदयू का तीर हर स्तर पर बढ़त बनाता चला गया. इलाके में उनकी पहचान एक मृदुभाषी विधायक के रूप में रही. विधायक से पहले वे ग्राम पंचायत के मुखिया थे. जिस कारण वे जनता के बीच में काफी लोकप्रिय हैं. लिहाजा ग्रामीण इलाकों में भी उनका जबरदस्त जनसमर्थन कायम रहा. जबकि शहरी मतदाताओं ने भी विकास को प्राथमिकता देते हुए उन्हें भारी मतों से आगे बढ़ाया.
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