अतिक्रमण के कारण जाम की बोझ से कराहता शहर, प्रशासन की कार्रवाई के बाद भी नहीं थम रहा अतिक्रमणकारियों का हौसला
शहर की बढ़ती आबादी, वाहनों की तेज रफ्तार और अनियंत्रित तरीके से फैलते बाजारों के बीच सुपौल की प्रमुख सड़कों का हाल दिन-प्रतिदिन बदतर होता जा रहा है.
– सुबह होते ही सिकुड़ जाती है शहर की मुख्य सड़कें – बार-बार की कार्रवाई नाकाफी – व्यवस्थित ट्रैफिक व्यवस्था की दरकार – शहर में जाम के कारण लोगों को हो रही भारी परेशानी सुपौल. शहर की बढ़ती आबादी, वाहनों की तेज रफ्तार और अनियंत्रित तरीके से फैलते बाजारों के बीच सुपौल की प्रमुख सड़कों का हाल दिन-प्रतिदिन बदतर होता जा रहा है. सुबह होते ही शहर की मुख्य सड़कें संकरी पड़ जाती हैं, इससे आम लोगों से लेकर स्कूल-कॉलेज के विद्यार्थियों तक को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. हर दिन जाम की स्थिति ऐसी होती है कि कुछ किलोमीटर का सफर तय करने में आधा घंटा से ज्यादा समय लग जाता है. अतिक्रमण पर कई बार चला बुलडोजर, फिर भी नहीं रुका कब्जा जिला प्रशासन और नगर परिषद द्वारा लगातार कार्रवाई के बाद भी शहर को अतिक्रमण से मुक्त कराना चुनौती बना हुआ है. प्रशासन समय-समय पर बाजारों के साथ-साथ मुख्य मार्गों से अतिक्रमण हटवाता है, दुकानों के आगे अवैध रूप से बनाए गए शेड हटाए जाते हैं, और कई बार तो बुलडोजर भी चलाया जाता है, लेकिन यह कार्रवाई सिर्फ कुछ दिनों तक ही असर दिखाती है. कुछ ही समय बाद कब्जाधारी दोबारा अपनी दुकान, ठेला, खोमचा, या सामान सड़क पर रख देते हैं. इससे न सिर्फ सड़कें सिकुड़ जाती हैं, बल्कि पैदल चलने वालों और वाहनों में टकराव की नौबत भी बन जाती है. व्यापारियों व ठेला संचालकों की मनमानी से बिगड़ा संतुलन सड़क किनारे ठेला लगाने वालों और कुछ दुकानदारों के मनमाने व्यवहार ने इस समस्या को और गंभीर बना दिया है. कई दुकानदार अपनी दुकान की सीमा से कई फीट आगे तक सामान फैला देते हैं. इसके साथ ही, फुटपाथ के अभाव में पैदल चलने वाले लोग सड़क पर उतरने को मजबूर हो जाते हैं. भीड़भाड़ वाले इलाके जैसे कि थाना चौक, स्टेशन चौक, पटेल चौक, डाक घर चौक, महावीर चौक के बाजार सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. ट्रैफिक पुलिस की तैनाती नाकाफी, नियमों की अनदेखी जारी सुपौल शहर में ट्रैफिक पुलिस की तैनाती है, लेकिन भीड़भाड़ वाले इलाकों में वाहनों की बढ़ती संख्या और अतिक्रमण के सामने उनकी संख्या बहुत कम पड़ जाती है. ट्रैफिक नियमों को नजरअंदाज कर दोपहिया वाहन जहां-तहां खड़े कर दिए जाते हैं. चारपहिया वाहन सड़क पर तिरछे पार्क कर दिए जाते हैं, इससे जाम की स्थिति और गंभीर हो जाती है. लोगों का मानना है कि केवल हटाने की कार्रवाई से समस्या का स्थायी समाधान नहीं होने वाला है. नगर परिषद को इसके लिए फुटपाथों का निर्माण और उनका नियमित उपयोग सुनिश्चित करना, व्यवस्थित वाहन पार्किंग स्थलों का निर्माण कराना, अवैध दुकानों और ठेलों पर स्थायी निगरानी करना, सड़क किनारे लगे खंभों और अवैध बोर्डों को हटाना, पब्लिक स्पेस की पहचान कर ठेला-खोमचा जोन बनाने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है. ई रिक्शा अतिक्रमण का मुख्य कारण : एसडीएम एसडीएम इंद्रवीर कुमार ने कहा कि ट्रैफिक डीएसपी को कहा गया है कि कोई भी नाबालिग ई रिक्शा नहीं चलाये. जिस ई रिक्शा पर नंबर नहीं है उस पर तत्काल कार्रवाई करें. अतिक्रमण का मुख्य कारण शहर में रिक्शा है. जब तक इसपर पूरी तरह अंकुश नहीं लगाया जायेगा. तब तक शहर से अतिक्रमण नहीं हट सकता है.
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