45वीं वाहिनी एसएसबी में वंदे मातरम् की मनायी गयी 150वीं वर्षगांठ

कार्यक्रम का शुभारंभ कमांडेंट गौरव सिंह द्वारा किया गया

By RAJEEV KUMAR JHA | November 7, 2025 6:32 PM

वीरपुर.45वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल, वीरपुर में शुक्रवार को वंदे मातरम् की 150वीं स्मृति दिवस समारोह बड़े ही श्रद्धा, सम्मान और उत्साह के साथ मनाया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ कमांडेंट गौरव सिंह द्वारा किया गया. इसके पश्चात सभी अधिकारियों, अधीनस्थ अधिकारियों, जवानों, शिक्षकों तथा स्कूली छात्र-छात्राओं द्वारा राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् का सामूहिक गायन सम्मानपूर्वक किया गया. इस अवसर पर संबोधित करते हुए कमांडेंट गौरव सिंह ने वंदे मातरम् के इतिहास, रचना और महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि वंदे मातरम् भारत का राष्ट्रीय गीत है, जिसकी रचना बंकिमचंद्र चटर्जी ने 07 नवम्बर 1875 को की थी. यह गीत उनके प्रसिद्ध उपन्यास आनंद मठ (1882) में प्रकाशित हुआ, जो 1775 के संन्यासी विद्रोह पर आधारित था. स्वतंत्रता संग्राम के दौरान वंदे मातरम् राष्ट्रवाद और अंग्रेजी शासन के विरोध का प्रतीक बन गया था. इसे सन् 1896 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सत्र में रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा पहली बार सार्वजनिक रूप से गाया गया था. कमांडेंट श्री सिंह ने आगे कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात संविधान सभा ने राष्ट्रगान और राष्ट्रीय गीत दोनों को समान सम्मान प्रदान किया. आज पूरे देश में वंदे मातरम् के प्रचार-प्रसार और सामूहिक गायन के लिए अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिनकी शृंखला में यह समारोह भी एक महत्वपूर्ण कड़ी है. समारोह के समापन अवसर पर कमांडेंट गौरव सिंह ने कहा कि वंदे मातरम् मातृभूमि के प्रति सम्मान का प्रतीक होने के साथ-साथ उन वीर सपूतों की स्मृति भी दिलाता है जिन्होंने राष्ट्र की अखंडता और सुरक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया. उन्होंने सभी कार्मिकों को राष्ट्रसेवा के प्रति समर्पित रहकर अपने कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक पालन करने का आह्वान किया. इस अवसर पर द्वितीय कमान अधिकारी जगदीश कुमार शर्मा, उप कमांडेंट प्रवीण कुमार कौशिक, उप कमांडेंट हरजीत राव, सुमन सौरभ, अन्य अधिकारीगण, जवान, शिक्षक एवं स्कूली बच्चे बड़ी संख्या में उपस्थित रहे.

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