नशा मुक्ति केंद्र से खिड़की तोड़कर फरार हुए 11 मरीज, अब तक 8 लापता

घटना की सूचना मिलने पर संचालक मौके पर पहुंचे और स्थिति की जानकारी लेने के बाद मरीजों की खोज शुरू की.

By RAJEEV KUMAR JHA | May 8, 2025 6:27 PM

त्रिवेणीगंज नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड नंबर 18 स्थित जनता रोड पर एक किराए के मकान में संचालित नशा मुक्ति केंद्र में बुधवार देर शाम उस वक्त हड़कंप मच गया जब वहां भर्ती 11 मरीज खिड़की तोड़कर फरार हो गए. यह केंद्र मधेपुरा जिले के शंकरपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत बरियाही निवासी बादल कुमार द्वारा संचालित किया जा रहा था. संचालक बादल कुमार ने घटना के लिए मकान मालिक सुखदेव यादव के पुत्र देवेंद्र कुमार को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने बताया कि बेटे की तबीयत अचानक खराब हो जाने के कारण वह कुछ समय के लिए केंद्र छोड़कर इलाज के लिए बाहर चले गए थे. इस दौरान केंद्र की जिम्मेदारी उनके छोटे भाई और अन्य स्टाफ पर थी. देर शाम उनके भाई ने सूचना दी कि देवेंद्र कुमार शराब के नशे में केंद्र पहुंचा और वहां मौजूद मरीजों व स्टाफ के साथ मारपीट करने लगा. इसी दौरान उसने एक कमरे की खिड़की तोड़ दी, जिससे 11 मरीज भाग निकले. घटना की सूचना मिलने पर संचालक मौके पर पहुंचे और स्थिति की जानकारी लेने के बाद मरीजों की खोज शुरू की. अब तक तीन मरीजों के सुरक्षित घर पहुंचने की पुष्टि हुई है. इनमें सहरसा जिले के संत नगर सिमराहा निवासी आदर्श कुमार, सुपौल जिले के पिपरा थाना क्षेत्र के तेतराही अमहा निवासी सौरभ कुमार और त्रिवेणीगंज थाना क्षेत्र के महेशुआ निवासी भूषण यादव शामिल हैं. हालांकि शेष आठ मरीजों का अब तक कोई सुराग नहीं मिला है. बताया कि लापता मरीजों में गौरव कुमार, रूपेश कुमार, कुंदन कुमार, मनीष कुमार, नवनीत कुमार, प्रदीप कुमार एवं राहुल कुमार शामिल है. संचालक के अनुसार केंद्र फरवरी माह से संचालित है, जहां भर्ती अधिकतर मरीज स्मैक के लती हैं, जबकि कुछ गांजा एवं अन्य नशे की लत से पीड़ित हैं. इस मामले को लेकर त्रिवेणीगंज के प्रभारी थानाध्यक्ष सह सर्किल इंस्पेक्टर सुनील कुमार पासवान ने बताया कि मकान खाली कराने को लेकर मकान मालिक और संचालक के बीच पहले से विवाद चल रहा था. जांच जारी है और लापता मरीजों की तलाश की जा रही है.

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