Siwan News : महाराजगंज अनुमंडलीय अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं रहने से मरीज परेशान

अनुमंडलीय अस्पताल में पिछले कई महीनों से अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं रहने के कारण मरीजों को गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

By SHAH ABID HUSSAIN | December 23, 2025 10:03 PM

महाराजगंज. अनुमंडलीय अस्पताल में पिछले कई महीनों से अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं रहने के कारण मरीजों को गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अस्पताल में यह सुविधा न होने से आम मरीजों के साथ-साथ गर्भवती महिलाओं को अपनी जांच के लिए प्राइवेट संस्थानों की ओर भटकना पड़ता है. यह स्थिति आर्थिक बोझ और समय की बर्बादी दोनों का कारण बन रही है. गरीब तबके के लिए यह और भी मुश्किल भरा काम है क्योंकि प्राइवेट संस्थानों में जांच कराने के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध नहीं होती. गर्भवती महिलाओं के लिए यह स्थिति और गंभीर है. अल्ट्रासाउंड की सुविधा न होने के कारण महिलाओं को गर्भ की स्थिति और शिशु के स्वास्थ्य के बारे में सही जानकारी नहीं मिल पाती. कई बार गंभीर मामलों में महिलाओं और उनके गर्भस्थ शिशु की जान जोखिम में भी आ जाती है. क्षेत्र में गरीबी चरम पर होने के कारण अधिकांश महिलाएं सरकारी अस्पताल पर निर्भर हैं, लेकिन वहां अल्ट्रासाउंड सुविधा न होने से उनका स्वास्थ्य खतरे में पड़ रहा है. मरीजों को केवल जांच ही नहीं, बल्कि इलाज में भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. अनुमंडलीय अस्पताल में चिकित्सक मरीजों से केवल बीमारी के लक्षण पूछकर दवा लिख देते हैं और गंभीर मामलों में जिला मुख्यालय या अन्य बड़े अस्पतालों के लिए रेफर कर देते हैं. सामान्य बीमारियों के उपचार के नाम पर अक्सर सिर्फ एंटीबायोटिक गोलियों का सहारा लिया जाता है. बुजुर्ग मरीजों को सांस और खांसी जैसी समस्याओं में केवल दवा देकर काम चलाया जाता है. इससे मरीजों की स्वास्थ्य स्थिति सुधारने में कठिनाई आती है. स्थानीय लोगों का कहना है कि अस्पताल की बिल्डिंग भले ही 100 बिस्तरों वाली है, लेकिन जरूरी चिकित्सकीय उपकरणों और सुविधाओं के अभाव में मरीजों को सही इलाज नहीं मिल पा रहा है. इसके चलते मरीजों को अक्सर इधर-उधर भटकना पड़ता है और उनका समय और धन दोनों बर्बाद होता है. गरीब तबके के लोग बिना जांच कराए ही भगवान भरोसे रह जाते हैं, जबकि साधन संपन्न लोग प्राइवेट संस्थानों में जाकर जरूरी जांच करवा लेते हैं. गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य पर इसका सबसे गंभीर प्रभाव पड़ रहा है. अल्ट्रासाउंड न होने से गर्भस्थ शिशु की स्थिति और माताओं की स्वास्थ्य समस्याओं का सही पता नहीं चल पाता. पेट की अन्य बीमारियों से जूझ रहे मरीज भी इस सुविधा के अभाव में कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं. इस मामले पर पूछे जाने पर अनुमंडलीय अस्पताल के उपाधिक्षक डॉ. एस एस कुमार ने बताया कि विभाग को इस समस्या की जानकारी दे दी गई है. उन्होंने आश्वासन दिया कि अल्ट्रासाउंड की सुविधा बहाल होते ही मरीजों को इसके लाभ मिलने लगेंगे. क्षेत्र के लोग और जनप्रतिनिधि स्वास्थ्य मंत्री, जिलाधिकारी और सिविल सर्जन से जल्द से जल्द अल्ट्रासाउंड सुविधा को बहाल कराने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि यदि यह सुविधा समय पर बहाल नहीं हुई, तो गरीब और गर्भवती मरीजों की जीवन रक्षा जोखिम में रहेगी. जनता का यह भी कहना है कि अल्ट्रासाउंड सुविधा के बिना प्रधानमंत्री जननी सुरक्षित अभियान जैसी योजनाएं भी प्रभावहीन साबित हो रही हैं. मरीज और उनके परिजन जल्द राहत चाहते हैं ताकि स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सही समय पर निदान और उपचार किया जा सके.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है