छठ व चुनाव बाद परदेश लौटने की मारामारी

छठ और विधानसभा चुनाव के समापन के बाद रविवार को सीवान जंक्शन पर प्रवासी यात्रियों का जबरदस्त सैलाब उमड़ पड़ा. हजारों की संख्या में लोग अपने कार्यस्थलों की ओर लौटने के लिए स्टेशन पहुंचे तो प्लेटफॉर्म यात्रियों से खचाखच भर गए.आलम यह रहा कि दिल्ली, मुंबई और कोलकाता जाने वाली ट्रेनों में पैर रखने तक की जगह नहीं बची.

By DEEPAK MISHRA | November 9, 2025 9:29 PM

प्रतिनिधि, सीवान. छठ और विधानसभा चुनाव के समापन के बाद रविवार को सीवान जंक्शन पर प्रवासी यात्रियों का जबरदस्त सैलाब उमड़ पड़ा. हजारों की संख्या में लोग अपने कार्यस्थलों की ओर लौटने के लिए स्टेशन पहुंचे तो प्लेटफॉर्म यात्रियों से खचाखच भर गए.आलम यह रहा कि दिल्ली, मुंबई और कोलकाता जाने वाली ट्रेनों में पैर रखने तक की जगह नहीं बची. वैशाली सुपरफास्ट, बिहार संपर्क क्रांति और सियालदह एक्सप्रेस जैसी प्रमुख ट्रेनों में यात्रियों की इतनी भीड़ थी कि कई लोग शौचालय में बैठकर यात्रा करने को मजबूर दिखे. कुछ यात्री तो जगह न मिलने के कारण ट्रेन के दरवाजे पर लटककर सफर करते नजर आए. आरपीएफ और जीआरपी के जवान लगातार यात्रियों को समझाने और नियंत्रित करने में जुटे रहे, लेकिन भीड़ इतनी अधिक थी कि हालात संभालना मुश्किल हो गया.रेल प्रशासन ने छठ और चुनाव बाद यात्रियों की भीड़ को देखते हुए दर्जनों अतिरिक्त ट्रेनों का संचालन किया है, फिर भी यात्रियों की संख्या इनसे कहीं अधिक साबित हुई. भीड़भाड़ के कारण न प्लेटफॉर्म पर खड़े होने की जगह रही और न ही टिकट खिड़कियों पर सांस लेने की फुर्सत.कई यात्रियों ने बताया कि टिकट मिलने के बाद भी ट्रेन में चढ़ना किसी जंग जीतने जैसा हो गया है. महिलाओं और बच्चों को सबसे अधिक परेशानी झेलनी पड़ी. यात्रियों का कहना है कि प्रशासन को ट्रेनों की संख्या और बढ़ानी चाहिए ताकि सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित की जा सके.प्रवासी यात्रियों की भारी भीड़ से रेलवे सुरक्षा बल और जीआरपी को भी पसीने छूट गए, लेकिन उन्होंने व्यवस्था बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है