बिजली तारों का मकड़जाल बना मुसीबत

शहर में बिजली पोलों पर तारों का मकड़जाल लगा है. मकड़जाल से शहरी उपभोक्ता बेहाल हो रहे हैं. शहर में दो से तीन साल पहले खुले नंगे तार को बदल कर अधिकतर बिजली के पोलों पर कवर्ड वायर लगाया गया था. इस दौरान कवर तार के साथ पोल पर डीपी भी लगाया गया था, ताकि कोई भी अवैध कनेक्शन बिजली के तारों से नहीं जोड़ा जा सके.

By DEEPAK MISHRA | November 26, 2025 9:56 PM

प्रतिनिधि, महाराजगंज. शहर में बिजली पोलों पर तारों का मकड़जाल लगा है. मकड़जाल से शहरी उपभोक्ता बेहाल हो रहे हैं. शहर में दो से तीन साल पहले खुले नंगे तार को बदल कर अधिकतर बिजली के पोलों पर कवर्ड वायर लगाया गया था. इस दौरान कवर तार के साथ पोल पर डीपी भी लगाया गया था, ताकि कोई भी अवैध कनेक्शन बिजली के तारों से नहीं जोड़ा जा सके. बिजली पोल पर लगे डीपी में कनेक्शन के लिए निर्धारित स्थान होता है, जिसमें उतने ही उपभोक्ता का कनेक्शन जोड़ा जा सकता है.डीपी के सॉकेट में उपभोक्ता का कनेक्शन सेट हो जाने के बाद उसमें स्पार्क या कार्बन लगने की गुंजाइश बहुत कम रहती है. अगर डीपी में कनेक्शन जल गया अथवा ढीला हुआ तभी तार में कार्बन लग सकता है या स्पार्क हो सकता है. कुछ दिन तो सब कुछ ठीक-ठाक चल किंतु बाद में जब किसी उपभोक्ता का कनेक्शन डीपी में फाल्ट के कारण स्पार्क कर उसका सॉकेट जल जाता तो डीपी को छोड़कर उस उपभोक्ता का कनेक्शन डायरेक्ट तार में जोड़ दिया जाता था. कभी भी डीपी के मरम्मत नहीं करायी गयी. नये उपभोक्ताओं को कनेक्शन देने के लिए भी नयी डीपी नहीं लगायी गयी जिसके कारण डीपी की संख्या कम हो गयी और उपभोक्ता बढ़ गये. स्पार्क और फाल्ट होने के कारण कई डीपी ख़राब हो गये, इसके बाद विद्युत पोल पर खराब डीपी की संख्या बढ़ती गई.डीपी के दो चार सॉकेट खराब हुए लेकिन जब उसकी मरम्मत नहीं हुई तो पूरी की पूरी डीपी ही बेकार हो गई. दो-तीन वर्षों में ही शहर के ज्यादातर डीपी या तो खराब है या उनमें दो चार कनेक्शन के ही सॉकेट बचे हैं. शहर के अधिकांश पोलो पर ज्यादातर विद्युत उपभोक्ताओं के कनेक्शन डीपी से बाहर हो गये हैं. इसका सबसे बड़ा कारण खराब डीपी सॉकेट की मरम्मत नहीं किया जाना तथा डीपी ख़राब होने या ना नया डीपी नहीं लगाया जाना है. ऐसे में जब बिजली कर्मी पल पर चढ़कर किसी उपभोक्ता के खराब कनेक्शन की मरम्मत करते हैं तो उन्हें उनका कनेक्शन ढूंढने में पसीने छूट जाते हैं, क्योंकि बिजली के पोल पर तारों के मकड़ जाल में से किसी एक उपभोक्ता का कनेक्शन खोजना इतना आसान नहीं होता.खुले में कनेक्शन डायरेक्ट तार से जोड़े जाने पर फाल्ट होने और स्पार्क करने का खतरा ज्यादा बना रहता है, क्योंकि जब तेज हवा चलती है तो कनेक्शन और बिजली के तार हवा से झूलते हैं. ऐसे में वह आपस में टकरा जाते हैं जिससे फाल्ट हो जाता है.इसी कारण अब आंधी पानी के बाद शहर में बड़े पैमाने पर बिजली गुल होने और फाल्ट होने की शिकायत मिलती है. डीपी लगाये जाने के बाद दावा किया गया था कि आंधी पानी के दौरान भी शहर में निर्बाध रूप से बिजली की आपूर्ति जारी रहेगी.बिजली पुल पर तारों का यह मकड़जाल फिर से पुराने दिनों की याद दिला देता है, क्या कहते हैं कार्यपालक अभियंता शहर में बिजली के पोलों पर लगी कुछ डीपी जरूर खराब है. नयी डीपी लगाने के लिए एजेंसी को बोला गया है.जहां भी डीपी बक्सा खराब है वहां शीध्र ही बदल दिया जायेगा.इसके बाद यह समस्या दूर हो जायेगी. प्रभात सिंह, कार्यपालक अभियंता, एनडीपीडीसीएल, महाराजगंज

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