बुनियादी केंद्र की नहीं मानी जाती है रिपोर्ट

स्वास्थ्य विभाग ने दिव्यांगता जांच के लिए तीन डॉक्टरों की एक मेडिकल बोर्ड बनायी है. इस मेडिकल बोर्ड में आर्थो, आई एवं इएनटी के डॉक्टर को रखा गया है. आंख एवं लोकोमोटर विकलांगता की जांच तो सदर अस्पताल में की जाती

By DEEPAK MISHRA | August 20, 2025 10:03 PM

सीवान. स्वास्थ्य विभाग ने दिव्यांगता जांच के लिए तीन डॉक्टरों की एक मेडिकल बोर्ड बनायी है. इस मेडिकल बोर्ड में आर्थो, आई एवं इएनटी के डॉक्टर को रखा गया है. आंख एवं लोकोमोटर विकलांगता की जांच तो सदर अस्पताल में की जाती है. लेकिन बहरेपन की जांच के लिए मेडिकल बोर्ड द्वारा जांच के लिए बुनियादी केंद्र को भेजा जाता है. लोगों का आरोप है कि बुनियादी केंद्र की जांच रिपोर्ट को कोई तरजीह नहीं दी जाती.बुनियादी केंद्र की रिपोर्ट से काफी कम दिव्यांगता का प्रतिशत दिया जाता है. सदर अस्पताल में जांच के लिए न तो ऑडियोलॉजिस्ट है और न कान की जांच के लिए आवश्यक उपकरणों. कान की जांच के लिए ओटोस्कोप, स्पेकुलम, ट्यूनिंग फॉर्क, न्यूमेटिक ओटोस्कोप, टॉर्च या हेडलैंप, कान की सफाई के उपकरण, ऑडियोमीटर, टाइम्पैनोमीटर एवं माइक्रोस्कोप सहित कई उपकरणों की जरूरत होती है जो सदर अस्पताल के इएनटी विभाग में उपलब्ध नहीं है. बुनियादी केंद्र के जांच के अनुसार युवा डॉक्टर को नहीं मिला उचित दिव्यांगता प्रतिशत पचरुखी बाजार निवासी युवा डॉक्टर ओम प्रकाश शर्मा को कान से कम सुनाई पड़ता था. उन्होंने टिम्पेनोप्लास्टी और मास्टॉयडेक्टॉमी सर्जरी भी कराया है. उसके बाद भी दोनों कानों से कम सुनाई देता है. उन्होंने दिव्यांगता यूडी आइडी के आवेदन किया तो मेडिकल बोर्ड द्वारा जांच के लिए बुनियादी केंद्र भेजा गया. बुनियादी केंद्र के ऑडियोलॉजिस्ट द्वारा कान की जांच कर रिपोर्ट दी गई तथा बताया गया कि 40 से अधिक प्रतिशत दिव्यांगता है. मेडिकल बोर्ड के समक्ष जब डॉ ओम प्रकाश हाजिर हुए तो उन्हें प्राइवेट में कान की सफाई कराने की बात कही गई. जब कान की सफाई कराकर आए तो इएनटी डॉक्टर द्वारा सीटी स्कैन लिखकर अगले बोर्ड में आने की खा गया. सीटी स्कैन कराकर डॉ ओम प्रकाश पुनः मेडिकल बोर्ड के सामने हाजिर हुए. कुछ दिन बाद जब उन्हें यूडी आईडी मिला तो दिव्यांगता का प्रतिशत 22 प्रतिशत एवं यूडी आईडी अस्थाई जारी किया गया था. यह घटना स्वास्थ्य विभाग के सभी वरीय अधिकारियों के संज्ञान में है. डॉ ओम प्रकाश ने तंग आकर यूडी आईडी को सरेंडर कर दिया है.

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