ऑक्सीजन खत्म होने से मरीजों की हालत बिगड़ी
सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में शनिवार को लगभग शाम 5 बजे एक गंभीर लापरवाही सामने आई, जब ऑक्सीजन सिलिंडर खाली होने के कारण कई मरीजों की हालत बिगड़ने लगी.
प्रतिनिधि, सीवान. सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में शनिवार को लगभग शाम 5 बजे एक गंभीर लापरवाही सामने आई, जब ऑक्सीजन सिलिंडर खाली होने के कारण कई मरीजों की हालत बिगड़ने लगी. वार्ड में भर्ती गंभीर मरीजों को अचानक सांस लेने में तकलीफ होने लगी, जिसके बाद स्वास्थ्यकर्मियों ने जांच की तो पता चला कि ऑक्सीजन सिलिंडर में गैस खत्म हो चुकी थी. स्थिति तब और गंभीर हो गई, जब सिलिंडर बदलने के लिए स्वास्थ्यकर्मी गये तो सिलिंडर की चाबी ही गायब थी. स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि पूरे अस्पताल में केवल एक ही चाबी उपलब्ध है, जिससे इमरजेंसी वार्ड और स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट के सिलिंडर खोले जाते हैं. आनन-फानन में एसएनसीयू से चाबी मंगवाकर सिलिंडर बदला गया, तब जाकर मरीजों की स्थिति सामान्य हो सकी. इस घटना ने अस्पताल की अव्यवस्था और संसाधनों की कमी को उजागर कर दिया.कर्मचारियों ने बताया कि सिलेंडर में गैस की स्थिति जानने के लिए केवल प्रेशर मीटर पर निर्भरता है, जो सिलेंडर के पास लगा होता है. वार्ड के अंदर गैस खत्म होने की सूचना देने के लिए कोई लाइट या साउंड इंडिकेटर नहीं है. इसकी वजह से समय पर गैस खत्म होने की जानकारी नहीं मिल पाती, जिससे मरीजों की जान खतरे में पड़ सकती है. स्थानीय लोगों और मरीजों के परिजनों ने इस मामले में कड़ी नाराजगी जताई और मांग की कि अस्पताल में पर्याप्त संसाधन और बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित किया जाए. अस्पताल प्रबंधन ने मामले की जांच शुरू करने की बात कही है, लेकिन इस तरह की घटनाएं भविष्य में मरीजों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा रही हैं. खराब ऑक्सीजन प्लांट को ठीक करने की लोगों ने की मांग इसके पीछे मुख्य कारण अस्पताल का ऑक्सीजन प्लांट लगभग दो साल से अधिक समय से खराब पड़ा होना है. यदि प्लांट चालू हो जाता और गैस की आपूर्ति सीधे प्लांट से होती, तो ऐसी आपात स्थिति कभी न आती. विशेषज्ञों का कहना है कि सिलेंडर पर निर्भरता के बजाय केंद्रीकृत प्लांट मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित करता. अस्पताल प्रशासन ने प्लांट की मरम्मत की दिशा में कदम उठाने का आश्वासन दिया है, लेकिन देरी से मरीजों को नुकसान हो रहा. मरीजों के परिजनों ने आक्रोश जताते हुए कहा कि सरकारी अस्पतालों में बुनियादी सुविधाओं की कमी जानलेवा साबित हो रही. इस घटना के बाद जिला प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं. स्वास्थ्य विभाग को तत्काल प्लांट सुधारने की मांग तेज हो गई है, ताकि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाएं न हों.
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