17 प्रखंडों में आज से शुरू होगा छिड़काव

जिले में कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम के तहत 21 जुलाई से द्वितीय चरण का सिंथेटिक पायरोथायराइड (एसपी) कीटनाशक छिड़काव शुरू होने जा रहा है. यह अभियान जिले के दरौली और हसनपुरा प्रखंडों को छोड़कर शेष 17 प्रखंडों के 8 शहरी क्षेत्रों और 97 पंचायतों के 140 राजस्व गांवों में संचालित होगा. जुलाई से सितंबर तक 60 दिनों तक चलने वाले इस अभियान की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.

By DEEPAK MISHRA | July 20, 2025 9:44 PM

प्रतिनिधि, सीवान. जिले में कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम के तहत 21 जुलाई से द्वितीय चरण का सिंथेटिक पायरोथायराइड (एसपी) कीटनाशक छिड़काव शुरू होने जा रहा है. यह अभियान जिले के दरौली और हसनपुरा प्रखंडों को छोड़कर शेष 17 प्रखंडों के 8 शहरी क्षेत्रों और 97 पंचायतों के 140 राजस्व गांवों में संचालित होगा. जुलाई से सितंबर तक 60 दिनों तक चलने वाले इस अभियान की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. सिविल सर्जन डॉ. श्रीनिवास प्रसाद ने बताया कि कालाजार मादा फ्लैबोटोमस अर्जेंटिपस के काटने से फैलता है, जो लीशमैनिया परजीवी का वाहक है. यह बीमारी प्रारंभिक संक्रमण के बाद गंभीर रूप ले सकती है, प्रभावित रोगियों को मुख्यमंत्री कालाजार राहत योजना के तहत श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में सहायता राशि दी जाती है. मच्छर जनित रोगों से बचाव के लिए किया जायेगा जागरूक जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ.ओम प्रकाश लाल ने बताया कि अभियान को सफल बनाने के लिए लोगों को मच्छरदानी का उपयोग, घरों और नालियों की साफ-सफाई, और मच्छर जनित रोगों से बचाव के लिए जागरूक किया जाएगा. छिड़काव से पहले घर की दीवारों की दरारें बंद करना, भोजन सामग्री, बर्तन और कपड़े बाहर रखना जरूरी है. छिड़काव के बाद दो घंटे तक घर में प्रवेश नहीं करना चाहिए और ढाई से तीन माह तक दीवारों पर लिपाई-पोताई नहीं करनी चाहिए, ताकि कीटनाशक का असर बना रहे. जिला वेक्टर जनित रोग सलाहकार नीरज कुमार सिंह ने बताया कि 17 प्रखंडों के 106 स्वास्थ्य उपकेंद्रों के पोषक क्षेत्रों में छिड़काव होगा. सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और रेफरल अस्पतालों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं. छिड़काव के लिए 7.5 लीटर पानी में 125 ग्राम एसपी कीटनाशक पाउडर मिलाकर घोल तैयार किया जाएगा, जिसे घरों और गौशालाओं की दीवारों पर 6 फीट तक छिड़का जाएगा.स्वास्थ्य कर्मियों को पीरामल स्वास्थ्य के सहयोग से प्रशिक्षित किया गया है. यह अभियान कालाजार के साथ-साथ मलेरिया और डेंगू जैसे रोगों से बचाव में भी मदद करेगा.

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