2.60 करोड़ का चावल दबा कर बैठी हैं छह समितियां

तय समय सीमा के भीतर सीएमआर जमा करने में पैक्स पिछड़ रहे हैं. इस मामले में अब कार्रवाई की तैयारी की जा रही है. अंतिम तिथि 10 अगस्त तय की गई है. कुछ समितियों द्वारा धीमी गति से सीएमआर राज्य खाद्य निगम को उपलब्ध कराया जा रहा है.

By DEEPAK MISHRA | August 7, 2025 9:46 PM

प्रतिनिधि, सीवान. तय समय सीमा के भीतर सीएमआर जमा करने में पैक्स पिछड़ रहे हैं. इस मामले में अब कार्रवाई की तैयारी की जा रही है. अंतिम तिथि 10 अगस्त तय की गई है. कुछ समितियों द्वारा धीमी गति से सीएमआर राज्य खाद्य निगम को उपलब्ध कराया जा रहा है. निर्धारित अवधि में शत-प्रतिशत सीएमआर आपूर्ति में संदेह उत्पन्न हो गया है. सर्वाधिक चावल बकाया रखने वाले छह समितियों को जिला सहकारिता कार्यालय ने नोटिस थमाया है और गोदाम जांच का आदेश भी दे दिया गया है. इन पैक्स ने 2 करोड़ 60 लाख रुपया का सीएमआर दबा कर बैठे हैं. इनमें से कई पर जांच के बाद प्राथमिकी दर्ज होना तय माना रहा है. जिला सहकारिता पदाधिकारी सौरव कुमार ने पत्र जारी कर कहां है कि खरीफ विपणन मौसम 2024-25 में धान अधिप्राप्ति के एवज में चावल (सीएमआर) आपूर्ति को लेकर जिले में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं. इसी क्रम में जिलाधिकारी डॉ. आदित्य प्रकाश की अध्यक्षता में एक समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गई. जिसमें सीएमआर आपूर्ति की वर्तमान स्थिति की विस्तार से समीक्षा की गई. बैठक के दौरान यह जानकारी सामने आई कि जिले की छह पैक्स ने जानबूझकर चावल आपूर्ति में शिथिलता बरती है. इसपर जिलाधिकारी ने नाराजगी जाहिर करते हुए संबंधित अधिकारियों को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए. इन समितियों में बड़हरिया प्रखंड की औराई पैक्स, बसंतपुर की बसंतपुर पैक्स, पचरुखी की पचरुखी और हरदिया पैक्स, गुठनी की बलुआ पैक्स तथा भगवानपुर हाट की बनसोही पैक्स शामिल हैं. इन छह पैक्स के पास कुल 754.65 टन चावल की आपूर्ति अभी तक लंबित है, जबकि विभाग द्वारा सीएमआर आपूर्ति की अंतिम तिथि 10 अगस्त तय की गई है. जिला सहकारिता पदाधिकारी द्वारा जारी आदेश में प्रखंड सहकारिता प्रसार पदाधिकारी बड़हरिया, बसंतपुर, पचरुखी, गुठनी एवं भगवानपुर हाट को निर्देशित किया गया है कि वे संबंधित पैक्स गोदामों का भौतिक सत्यापन जल्द से जल्द पूरा करें. अगर गोदाम में धान मौजूद हो तो मिल को धान शीघ्र स्थानांतरित कर सीएमआर की आपूर्ति सुनिश्चित कराएं. वहीं यदि गोदाम में धान अनुपलब्ध पाया जाता है, तो खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के तहत समिति के समस्त कार्यकारिणी सदस्यों, अध्यक्ष और प्रबंधक सहित पर गबन का मामला दर्ज करने की कार्रवाई की जाए. सभी पैक्स अध्यक्ष एवं प्रबंधकों को निर्देशित किया गया है कि वे सत्यापन कार्य में संबंधित सहकारिता पदाधिकारी को पूर्ण सहयोग दें.

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