सदर अस्पताल डायलिसिस में होती है लापरवाही
सदर अस्पताल में सार्वजनिक निजी भागीदारी के तहत संचालित नेफ्रोप्लस डायलिसिस क्लिनिक एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गया है. बसंतपुर निवासी अभिषेक तिवारी ने सीवान डायलिसिस केंद्र में कार्यरत टेक्निशियन विकेश कुमार यादव पर गंभीर लापरवाही और मरीजों के साथ दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है.
सीवान. सदर अस्पताल में सार्वजनिक निजी भागीदारी के तहत संचालित नेफ्रोप्लस डायलिसिस क्लिनिक एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गया है. बसंतपुर निवासी अभिषेक तिवारी ने सीवान डायलिसिस केंद्र में कार्यरत टेक्निशियन विकेश कुमार यादव पर गंभीर लापरवाही और मरीजों के साथ दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है. सिविल सर्जन को दिए अपने आवेदन में अभिषेक ने बताया है कि उनके पिता किडनी रोग से पीड़ित हैं और नियमित डायलिसिस पर निर्भर हैं, उन्होंने आरोप लगाया है कि टेक्निशियन विकेश कुमार यादव मरीजों से असभ्य तरीके से बात करते हैं और डायलिसिस के दौरान उचित ध्यान नहीं देते. विकेश द्वारा मरीजों को समय से पहले बुलाकर लंबे समय तक इंतजार कराया जाता है और दवा किट की कमी का हवाला देकर बाहर से दवा खरीदने के लिए पैसे मांगे जाते हैं. पैसे न देने पर मरीजों को परेशान किया जाता है. पहले भी उठ चुके हैं सवाल सदर अस्पताल के डायलिसिस केंद्र में लापरवाही का यह पहला मामला नहीं है. प्रभात खबर में 6 जून को एक सदर अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मी की मां की डायलिसिस के दौरान खून बर्बाद होने की शिकायत पर सिविल सर्जन डॉ. श्रीनिवास प्रसाद ने चार सदस्यीय जांच टीम गठित की थी. जांच में लापरवाही की पुष्टि होने पर कार्रवाई का आश्वासन दिया गया था. जांच टीम द्वारा लगभग दो माह से अधिक बीत जाने के बाद अपनी जांच रिपोर्ट सिविल सर्जन को नहीं सौंपी है. अभिषेक तिवारी ने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से इस मामले की तत्काल जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. बोले अधिकारी शिकायत की जांच के लिए तीन डॉक्टरों की जांच टीम गठित कर दी गई है. दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा कि इसके पहले जो जांच टीम का गठन किया गया था उसकी रिपोर्ट उन्हें अभी तक नहीं मिली है. डॉ. श्रीनिवास प्रसाद ,सिविल सर्जन
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