वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ मार्च

वक्फ संशोधन कानून- 2025 की वापसी की मांग को लेकर शनिवार को बड़हरिया खेल मैदान से जामो मोड़ व मठिया मोड़ होते हुए थाना चौक तक वक्फ बचाओ-सविंधान बचाओ मार्च निकाला गया.

By DEEPAK MISHRA | May 3, 2025 9:58 PM

बड़हरिया . वक्फ संशोधन कानून- 2025 की वापसी की मांग को लेकर शनिवार को बड़हरिया खेल मैदान से जामो मोड़ व मठिया मोड़ होते हुए थाना चौक तक वक्फ बचाओ-सविंधान बचाओ मार्च निकाला गया. मार्च में शामिल वामपंथी कार्यकर्ताओं ने सरकार से मांग की कि वक्फ संशोधन कानून को सरकार अविलंब वापस ले. मार्च को संबोधित करते हुए विकास यादव ने कहा कि वक्फ संशोधन कानून के जरिए सरकार वक्फ संपत्तियों पर नाजायज कब्जा करना चाहती है. उन्होंने कहा कि वक्फ संशोधन कानून न केवल भारतीय संविधान द्वारा दिए गए मौलिक अधिकारों-अनुच्छेद 25 व 2के विरुद्ध हैं, बल्कि इस से सरकार मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदाय को वक्फ़ के प्रबंधन व संचालन से बाहर कर सारा नियंत्रण अपने हाथों में लेना चाहती है. भाकपा नेता इरफान अहमद ने कहा कि देश के संविधान के अनुच्छेद 25 व 26 प्रत्येक धार्मिक समुदाय को न केवल अंतरात्मा की स्वतंत्रता प्रदान करते हैं, बल्कि अपने धर्म का पालन करने, प्रचार-प्रसार करने व धार्मिक और परोपकारी कार्यों हेतु संस्थाएं स्थापित करने का अधिकार देते हैं.और उन्हें अपने अनुसार संचालित करने का अधिकार भी देते हैं. वर्तमान संशोधित कानून मुसलमानों को इस मौलिक अधिकार से वंचित कर देता है. केंद्रीय वक्फ़ परिषद व वक्फ़ बोर्डों के गठन से संबंधित संशोधन इसका जीवंत प्रमाण हैं.इसी प्रकार वक़्फ़ दाता पर पांच वर्ष तक प्रैक्टिसिंग मुस्लिम होने की शर्त न केवल संविधान के अनुच्छेद 25 के विरुद्ध है, माले नेता रमाशंकर चौरसिया व कलामुद्दीन अहमद ने संयुक्त रूप से कहा कि वक्फ संशोधन कानून संविधान विरोधी है. सरकार इस कानून को देश हित में अविलंब वापस ले. वमाले नेता प्रो रामवतार यादव ने कहा कि वक्फ संशोधन कानून की वापसी तक लोकतांत्रिक व शांतिपूर्ण तरीके से इंसाफ मंच की लड़ाई जारी रहेगी.इस मौके विजय राम,ग्यासुद्दीन,मोहमद्दीन अंसारी, हसन इमाम, गुड्डू मिश्र, महेश सिंह, सरपंच भृगुनाथ साह ,गुड्डू मुखिया आदि ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किये.

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