सीवान जंक्शन पर यात्री सुविधाओं का अभाव

पूर्वोत्तर रेलवे का सीवान जंक्शन आय की दृष्टिकोण से मंडल का एक प्रमुख स्टेशन है, लेकिन सुविधाओं के मामले में आज भी उपेक्षित बना हुआ है. अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत 32.13 करोड़ रुपये खर्च कर स्टेशन को आधुनिक रूप देने की घोषणा तो की गई, परंतु काम की रफ्तार कछुए की चाल से आगे बढ़ रही है.

By DEEPAK MISHRA | November 9, 2025 9:41 PM

प्रतिनिधि, सीवान. पूर्वोत्तर रेलवे का सीवान जंक्शन आय की दृष्टिकोण से मंडल का एक प्रमुख स्टेशन है, लेकिन सुविधाओं के मामले में आज भी उपेक्षित बना हुआ है. अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत 32.13 करोड़ रुपये खर्च कर स्टेशन को आधुनिक रूप देने की घोषणा तो की गई, परंतु काम की रफ्तार कछुए की चाल से आगे बढ़ रही है. रेलवे का दावा था कि पुनर्विकास के बाद सीवान जंक्शन यात्रियों को बड़े स्टेशनों जैसा अनुभव देगा, मगर हकीकत इसके उलट है. स्टेशन के चारों प्लेटफार्म पर 26 कोच वाली ट्रेनों के लिए शेड की व्यवस्था नहीं होने से यात्री बारिश और ठंड में खुले आसमान के नीचे इंतजार करने को मजबूर हैं. बरसात के दिनों में यात्री और उनका सामान भीग जाता है. रोजाना करीब 20 हजार यात्रियों की आवाजाही वाले इस स्टेशन पर न तो पर्याप्त प्रतीक्षालय है, न ही महिलाओं के लिए स्वच्छ शौचालय, प्लेटफार्म और सर्कुलेटिंग एरिया में यूरिनल की अनुपलब्धता महिलाओं के लिए बड़ी समस्या बनी हुई है. प्लेटफॉर्म बन गया यार्ड, यात्रियों को होती है परेशानी रात नौ बजे के बाद प्लेटफार्म नंबर 1 यार्ड में तब्दील हो जाता है, जिससे यात्रियों को प्लेटफॉर्म 2 और 3 से ट्रेन पकड़ने में दिक्कत होती है. वृद्ध और बीमार यात्रियों को ट्रेन तक पहुंचने में भारी परेशानी उठानी पड़ती है. स्टेशन पर कुल 14 रेल लाइनें हैं, जिनमें से सात नन-रनिंग लाइनें हैं, जिन पर सिग्नल की व्यवस्था तक नहीं है. पे एंड यूज शौचालय में यात्रियों से वसूली जा रही मनमानी राशि- सर्कुलेटिंग एरिया में तीन सीट वाले पे एंड यूज शौचालय का हाल भी दयनीय है. दो रुपये के निर्धारित शुल्क की जगह संचालक 10 रुपये वसूलते हैं. बावजूद इसके, सफाई की कोई व्यवस्था नहीं रहती. यात्री मजबूरी में नाक दबाकर शौचालय का उपयोग करते हैं. 12 साल से अधूरा पड़ा प्लेटफॉर्म नंबर पांच- सबसे बड़ी विडंबना यह है कि पिछले 12 सालों से प्लेटफॉर्म नंबर पांच का निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है. रेलवे रिकॉर्ड में इसे पूर्ण बताया गया है, लेकिन अब तक इससे ट्रेनों का परिचालन शुरू नहीं हुआ. पश्चिमी छोर पर इंटरलॉकिंग का काम पूरा हो चुका है, पर पूर्वी छोर पर अधूरा रहने के कारण सिग्नलिंग मैनुअल रूप से की जा रही है. यात्री शेड और कोच डिस्प्ले बोर्ड लगाए गए थे, लेकिन असामाजिक तत्वों द्वारा तोड़े जाने के बाद हटा दिए गए. यात्रियों का कहना है कि अगर यह “अमृत भारत योजना” की स्थिति है, तो आम स्टेशनों का हाल सहज समझा जा सकता है. बोले अधिकारी सीवान जंक्शन पर यात्री सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए समय -समय पर बैठक में वरीय अधिकारियों को अवगत कराया जाता है.पुराने पार्सल कार्यालय के समीप बहुत जल्द पे एंड यूज शौचालय का निर्माण करने की योजना है. सीवान जंक्शन के जीर्णोद्धार का कार्य चल रहा है. मुकेश कुमार सिंह,स्टेशन अधीक्षक,सीवान जंक्शन

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