siwan news : हर दिन फुटपाथ की लगती है बोली, 50 से दो सौ रुपये तक देकर सजती हैं दुकानें

siwan news : प्रतिष्ठान या मकान मालिक वसूलते हैं फुटपाथ का किराया, नहीं होती कार्रवाई, अतिक्रमण से शहर के चौक-चौराहों पर लगता है जाम, राहगीरों को होती है परेशानी

By SHAILESH KUMAR | April 15, 2025 9:12 PM

सीवान. शहर के मुख्य मार्ग हों या तंग गलियां हर तरफ व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के सामने फुटपाथ पर दुकानें सजती हैं. इन दुकानों को लगाने के लिए बोली लगायी जाती है. यह सुनने में भले ही अटपटा लगे पर यह सच है.

जिसने अधिक रकम खर्च की, उसकी दुकान सड़क के फुटपाथ पर सज जाती हैं. इसके लिए एक निर्धारित रकम अदा करनी पड़ती है. फुटपाथ पर दुकान लगाने के लिए ये रुपये कोई सरकारी एजेंसी नहीं वसुलती, यह रकम सामने के दुकानदारों को ठेला व फुटपाथ पर दुकान लगाने वालों को देना पड़ता है. यह धनराशि 50 रुपये से लेकर 200 सौ रुपये तक होती है. यहीं से शुरू होता है, जाम की समस्या, जिससे लोगों को राहत दिलाने के बजाय जवाबदेह अधिकारी आंख बंद किये हुए हैं. ऐसे में जाम में घंटों राहगीरों को जूझना पड़ता है.

अतिक्रमण से सिमटती जा रहीं मुख्य सड़कें

अतिक्रमण के चलते शहर की प्रमुख सड़कें दिनों दिन अतिक्रमित होकर सिमटती जा रही हैं. पैदल चलने वाले लोग फुटपाथ की जगह सड़क पर आ गये हैं. इसे देखने वाला कोई नहीं है. सड़क पर ठेला लगाने वाले लोग अपना व्यवसाय करते हैं. नाम नहीं छापने की शर्त पर फल व्यवसायियों ने बताया कि हमलोग किसी भी दुकान के आगे या मकान के आगे दुकान लगाते हैं, तो हमलोगों को किराया देना पड़ता है. चाहे वह रुपये हो या बिक्री वाला समान. अगर आवाज उठायेंगे, तो कल से वहां दुकान नहीं लगेगी और हमलोग भुखमरी के शिकार हो जायेंगे.

हर दिन शहर में घंटों लगा रहता है जाम

शहर के लोग हर रोज घंटों जाम से जूझते रहते हैं. वहीं सोमवार ऐसा दिन होता है, जिसे शहर सोमवारी जाम के नाम जाना जाता है. बताते चलें कि शहर के दारोगा राय कॉलेज से सदर प्रखंड कार्यालय तक, पटेल चौक से फतेपुर बाइपास मोड़ तक, अस्पताल मोड़ से डॉक्टर कॉलोनी मोड़ तक, जेपी चौक से डाक बंगला मोड़ तक, थाना मोड़ से डीएवी मोड़ तक, बबुनिया मोड़ से स्टेशन मोड़ तक शहर का सबसे पुराना और प्रमुख मार्ग है. इस रोड पर सबसे अधिक व्यावसायिक गतिविधियां संचालित होती हैं. भीड़ भी अधिक रहती है. लगभग हर दिन यह सड़क जाम से कराहती रहती है. एक चौथाई से अधिक सड़क पर तो स्थानीय दुकानदारों ने कब्जा कर रखा है. निर्धारित सीमा से ढाई से तीन फुट आगे तक सामान से घेर कर रखा जाता है. इसके बाद प्रायः सभी दुकानों के सामने फुटपाथी दुकानदार और ठेला लगाये जाते हैं. इसके लिए इनसे स्थायी दुकानदार राशि की वसूली करते हैं. यह जाम का सबसे बड़ा कारण है.

वाहन तो दूर, पैदल चलना भी होता है मुश्किल

शहर की सभी प्रमुख सड़कों पर दुकानदार काउंटर सजाकर सड़क पर बैठते हैं. इससे बड़े वाहन तो दूर बाइक सवार या पैदल चलने वाले भी मुश्किल से निकल पाते हैं. कई दुकानदारों ने सड़क को अवैध रूप से घेर रखा है. कागज में भले ही यह काफी चौड़ी सड़क है, पर मौके की स्थिति बदतर है.

बोले जिम्मेदार

नगर परिषद के उपसभापति किरण गुप्ता ने बताया कि शहर में प्रधान डाक घर और एसडीओ कार्यालय के समीप वेंडिंग जोन बनाया गया है, जहां ठेला वाले अपनी दुकानदारी करते हैं. वहीं, यातायात थानाध्यक्ष अभय नंदन कुमार ने बताया कि सड़क पर जो अतिक्रमण किये हैं, उन पर अभियान चलाकर कार्रवाई की जायेगी.

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