चार माह के बाद 18 नवंबर से गूंजेगी शहनाई

चार माह के विराम के बाद मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है.देवोत्थान एकादशी दो नवम्बर को है. इसके साथ ही मांगलिक कार्यों का शुभारंभ हो जाएगा. शादी की शहनाईयां बजनी आरंभ हो जाएगी.पंडित अंगद ओझा ने बताया कि कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी यानि देव उत्थान एकादशी पर भगवान विष्णु की पूरे विधि विधान से पूजा की जाती है. देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी विवाह की परम्परा है.

By DEEPAK MISHRA | October 29, 2025 9:44 PM

महाराजगंज. चार माह के विराम के बाद मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है.देवोत्थान एकादशी दो नवम्बर को है. इसके साथ ही मांगलिक कार्यों का शुभारंभ हो जाएगा. शादी की शहनाईयां बजनी आरंभ हो जाएगी.पंडित अंगद ओझा ने बताया कि कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी यानि देव उत्थान एकादशी पर भगवान विष्णु की पूरे विधि विधान से पूजा की जाती है. देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी विवाह की परम्परा है. इस दिन भगवान शालिग्राम के साथ तुलसी जी का विवाह होता है. देवउठनी एकादशी के दिन चतुर्मास का अंत हो जाता है और शादी-विवाह के कार्य शुरू हो जाते हैं. पंचांग के अनुसार नवंबर में 18, 19, 21, 22, 23, 24, 25, 29 एवं 30 नवंबर को तथा दिसंबर में 1, 4, 5 एवं 6 दिसंबर विवाह के शुभ मुहूर्त हैं. दुकानदारों के चेहरे पर रौनक : बाजारों में लग्न की बिक्री की शुरुआत होते ही दुकानदारों के चेहरे पर रौनक आ गयी है.काजी बाजार के व्यवसायी मुन्ना कुमार,गुंजन कुमार, सोनू कुमार, संतोष कुमार आदि ने बताया कि मंगलीक कार्य शुरू होने से बाजार में चहल-पहल बढ़ गई है. इस बार शादी-विवाह के सामानों की बिक्री परवान चढ़ेगी. वैवाहिक बंधन में बंधने वाले जोड़े के लिए हर तरह की शेरवानी और कढ़ाईदार रंग-बिरंगे लहंगा के अलावे कई डिजाइनों में ज्वेलरी से दुकानें सज गयी हैं. पहले से ही हो रही है बुकिंग : शादी विवाह का मुर्हूत शुरू होने के कारण हलुवाई, वाहन, पंडाल सहित अन्य की बुकिंग पहले से ही पूरी कर ली गयी है.जबकि अगले वर्ष की बुकिंग को लेकर भाग-दौड़ शुरू हो गयी है.वैसे लोगों को ढूंढने से भी कई सामान नहीं मिल रहे हैं. हालांकि कई वर पक्ष के लोग बैंड-बाजा, वाहन, हलवाई की बुकिंग के लिए पड़ोसी राज्य यूपी के दौड़ लगा रहे हैं.लोगों का कहना है कि अपने जिले के बाजारों जो हलुवाई, वाहन, पंडाल सजाने वाले कारीगर बहुत अधिक डिमांड कर रहे हैं.रेडीमेड कपड़े, जड़ी रहित साड़ियां, लहंगा-शेरवानी, उलेन कपड़े के अलावा सर्राफा बाजार में भी खरीद-फरोख्त चल रहा है.कम लग्न और ज्यादा मांग के कारण व्यवसायी भी उत्साहित हैं.

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