14 राइस मिल मालिक आये कार्रवाई की जद में

पैक्स और राइस मिल मालिकों की लापरवाही ने सरकार की अधिप्राप्ति योजना को खटाई में डाल दिया है. धान खरीद के महीनों बाद भी चावल एसएफसी तक नहीं पहुंच पाया है. किसानों से समय पर धान खरीद लिया गया और सत्यापन भी हो गया, लेकिन पांच महीने बीतने के बाद भी कई पैक्स में खरीदे गए धान की न तो मिलिंग हुई और न ही चावल एसएफसी को मिला

By DEEPAK MISHRA | July 22, 2025 9:22 PM

प्रतिनिधि, सीवान. पैक्स और राइस मिल मालिकों की लापरवाही ने सरकार की अधिप्राप्ति योजना को खटाई में डाल दिया है. धान खरीद के महीनों बाद भी चावल एसएफसी तक नहीं पहुंच पाया है. किसानों से समय पर धान खरीद लिया गया और सत्यापन भी हो गया, लेकिन पांच महीने बीतने के बाद भी कई पैक्स में खरीदे गए धान की न तो मिलिंग हुई और न ही चावल एसएफसी को मिला. जिले में करीब 13178.146 टन चावल फंसा हुआ है. डीएम की सख्त चेतावनी के बाद भी पैक्स और राइस मिलों ने रफ्तार नहीं पकड़ी. जिससे अब सीधी कार्रवाई की तलवार लटक रही है. बिहार राज्य खाद्य निगम और जिला सहकारिता कार्यालय ने राइस मिलरों को नोटिस भेजकर 24 घंटे के भीतर जवाब और चावल गिराने का निर्देश दिया है. यह हाल तब है जब कई क्रय केंद्रों के स्टॉक की जांच पहले ही हो चुकी है. बावजूद इसके चावल की आपूर्ति में कोई गति नहीं आई है. सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि जब धान की खरीद फरवरी में ही पूरी हो गई थी और जांच भी हो गई तो अब तक चावल क्यों नहीं भेजा गया. राइस मिल मालिकों की ओर से चुप्पी और पैक्स की निष्क्रियता अब महंगी पड़ सकती है. समितियों द्वारा निर्धारित लक्ष्य की जगह 97337.428 टन धान की खरीदारी की गई है. धान खरीद के हिसाब से क्रय समितियों को 66037.21 टन चावल जमा करना है. अब तक 52859.064 टन सीएमआर चावल जमा किया गया है. अभी भी 13178.146 टन चावल जमा करना शेष रह गया है. हर दिन 20 से 22 लॉट चावल नहीं पहुंचा तो लक्ष्य समय पर पूरा नहीं हो पायेगा पैक्स और राइस मिल मालिकों की लापरवाही ने अधिप्राप्ति योजना को पटरी से उतार दिया है. बिहार राज्य खाद्य निगम कार्यालय की ओर से जिले के 14 राइस मिलरों को नोटिस जारी करते हुए 24 घंटे के अंदर जवाब मांगा गया है. जिला प्रबंधक आसिफ इकबाल ने बताया कि पैक्स व व्यापार मंडलों को 114 स्वीकृत्यादेश जारी किए गए थे.जिनके विरुद्ध अब तक फोर्टिफाईड चावल जमा नहीं कराया गया है. जिले में अब भी करीब 441.04 लॉट चावल जमा होना बाकी है और सीएमआर जमा करने की अंतिम तारीख 10 अगस्त तय की गई है. प्रशासन का कहना है कि अब समय काफी कम बचे हैं और अगर हर दिन 20 से 22 लॉट चावल नहीं पहुंचा तो लक्ष्य समय पर पूरा नहीं हो पाएगा. विभाग का यह भी मानना है कि स्थिति की जानकारी होने के बावजूद मिल मालिकों की तरफ से गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है.नोटिस मिलने वाले मिल में नव दुर्गा एग्रो राइस मिल,समृद्धि राइस मिल,कोल्हुआ इंडस्ट्रीज,सिंह राइस मिल,देव राइस मिल्स प्रा. लि.,किसान राइस मिल,प्रभु एग्रोटेक इंडस्ट्रीज प्रा. लि.,करोम पैक्स राइस मिल,मानपुर पतेजी पैक्स राइस मिल,बिंदवाल पैक्स राइस मिल,अनुराग राइस मिल (हरपुर कोटवा),हसुआ पैक्स राइस मिल,महुआरी पैक्स राइस मिल,मिर्जुमला पैक्स राइस मिल शामिल है.जिला प्रबंधक ने कहा कि राइस मिल मालिकों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि वे शत-प्रतिशत चावल जल्द से जल्द जमा करें वरना उनके खिलाफ जिला पदाधिकारी स्तर पर कड़ी अनुशंसा की जायेगी. समय सीमा के भीतर आपूर्ति नहीं तो काली सूची में होंगे शामिल जिला सहकारिता पदाधिकारी सौरव कुमार ने पत्र जारी करते हुए कहा कि नव दुर्गा एग्रो राइस मिल को कुल 366.91 लॉट चावल का लक्ष्य दिया गया था, लेकिन अब तक सिर्फ 266.14 लॉट की आपूर्ति हुई है. 10 दिनों में सिर्फ 22 लॉट चावल भेजा गया और दो दिन तो एक भी लॉट नहीं भेजा गया. निरीक्षण के दौरान मिल की तैयारी भी कमजोर पाई गई. अनुराग राइस मिल हरपुर कोटवा को 34.96 लॉट चावल की आपूर्ति करनी थी.लेकिन अब तक सिर्फ 25 लॉट भेजा गया है. बीते 10 दिनों में सिर्फ 4 लॉट ही मिल सका, जबकि छह दिन पूरी तरह खाली चला गया. समृद्धि राइस मिल को 229 लॉट का लक्ष्य मिला था. जिसमें अब तक 172 लॉट ही भेजा गया है. 57 लॉट अब भी लंबित हैं. सभी मिलों को निर्देश दिया गया है कि वे प्रतिदिन तय लॉट के अनुसार चावल छींट सहित जमा करें और तीन दिनों के भीतर सभी लंबित स्वीकृत्यादेश के विरुद्ध आपूर्ति सुनिश्चित करें. अन्यथा आवश्यक वस्तु अधिनियम और खाद्य निगम की गाइडलाइंस के तहत कार्रवाई की जाएगी और उनका नाम काली सूची में डाला जाएगा. साथ ही, संबंधित पैक्स व बीसीओ को निर्देश दिया गया है कि वे मिल पर कैंप लगाकर तत्काल आपूर्ति सुनिश्चित करायें.

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