सदर अस्पताल में मरीजों इलाज कराने में लगते हैं 119 मिनट

जिले के सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवा का हाल मरीजों की धड़कनें बढ़ा देने वाला है. नवंबर महीने के आंकड़े बताते हैं कि कुछ अस्पताल तेज़ी से सेवा देकर राहत दे रहे हैं, जबकि कुछ में मरीजों को लंबी लाइन झेलनी पड़ रही है. सुबह ओपीडी खुलते ही पर्ची काउंटर के बाहर लाइन इतनी लंबी हो जाती है कि मरीजों को लगता है, जैसे इलाज नहीं बल्कि धैर्य की परीक्षा हो रही है.

By DEEPAK MISHRA | December 12, 2025 10:01 PM

प्रतिनिधि, सीवान. जिले के सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवा का हाल मरीजों की धड़कनें बढ़ा देने वाला है. नवंबर महीने के आंकड़े बताते हैं कि कुछ अस्पताल तेज़ी से सेवा देकर राहत दे रहे हैं, जबकि कुछ में मरीजों को लंबी लाइन झेलनी पड़ रही है. सुबह ओपीडी खुलते ही पर्ची काउंटर के बाहर लाइन इतनी लंबी हो जाती है कि मरीजों को लगता है, जैसे इलाज नहीं बल्कि धैर्य की परीक्षा हो रही है. सरकारी आकंड़ों के मुताबिक गुठनी सीएचसी व रघुनाथपुर अस्पताल में एक मरीज को रजिस्ट्रेशन से लेकर डॉक्टर तक पहुंचने का औसतन समय 15 मिनट है. जबकि कुल 23 मिनट के भीतर रजिस्ट्रेशन, डॉक्टर तक पहुंच और काउंटर से दवा भी उपलब्ध करायी जा रही है. जबकि, मरीजों को ओपीडी की सेवा देने में सबसे अधिक समय लेने वाला अस्पताल सदर अस्पताल है. यहां, प्रति मरीज को औसतन 119 मिनट का समय लगता है. यहां, एक मरीज को रजिस्ट्रेशन के बाद डॉक्टर तक पहुंचने में 38 मिनट का समय लग रहा है जबकि रजिस्ट्रेशन, डॉक्टर तक पहुंच और काउंटर से दवा लेने तक का समय 119 मिनट है. मानक के अनुसार ओपीडी में अधिकतम 35 मिनट का समय ही लगना चाहिए. गौरतलब है कि नवंबर महीने में जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में ओपीडी में कुल 73 हजार 85 मरीजों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है और 72 हजार 287 मरीजों को डॉक्टर द्वारा परामर्श मिला है. रजिस्ट्रेशन से दवा उपलब्ध कराने का आंकड़ा 44 मिनट जिले में ओपीडी व्यवस्था इन दिनों मरीजों के लिए चुनौती बनती जा रही है. अस्पताल में इलाज और दवा के लिए पहुंच रहे लोगों को पंजीकरण से लेकर डॉक्टर की परामर्श और दवा वितरण तक औसतन 44 मिनट का लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. यह देरी न सिर्फ उपचार की गति को प्रभावित कर रही है बल्कि मरीजों और उनके परिजनों की परेशानी भी बढ़ा रही है. मिली जानकारी के अनुसार रजिस्ट्रेशन से डॉक्टर की सेवा लेने का औसतन समय 27 मिनट है जबकि रजिस्ट्रेशन से डॉक्टर की सेवा व काउंटर से दवा उपलब्ध कराने का समय 44 मिनट है. देर तक लाइनों में खड़ा रहना मजबूरी- सरकारी अस्पतालों में सुबह ओपीडी खुलते ही रजिस्ट्रेशन काउंटर के बाहर मरीज व परिजन की भीड़ लगनी शुरू हो जाती है. पर्ची कटने में ही 10-15 मिनट तक लग जाते हैं. इसके बाद डॉक्टर तक पहुंचने में और देरी होती है. कई बार संबंधित विभागों में डॉक्टर समय पर नहीं पहुंचते या मरीजों की संख्या अपेक्षाकृत अधिक होने के कारण भीड़ बढ़ जाती है. बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चों के साथ आए परिजन लंबे समय तक लाइनों में खड़े रहने को मजबूर होते हैं. बताया जाता है कि भव्या पोर्टल हमेशा स्लो होने के कारण मरीजों का रजिस्ट्रेशन में विलंब होता है.सबसे अधिक परेशानी सदर अस्पताल के ओपीडी में दिखाने आने वाले मरीजों को होती है. बोले अधिकारी जिले में ओपीडी रजिस्ट्रेशन से दवा मिलने तक औसतन 44 मिनट लग रहे हैं. मानक से अधिक समय वाले केंद्रों में सुधार के निर्देश दिए गए हैं. गुठनी और रघुनाथपुर बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं, जबकि सदर अस्पताल की धीमी व्यवस्था चिंता बढ़ा रही है. रंजिश कुमार पांडेय,जिला कमांड एंड कंट्रोल पदाधिकारी

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