दहेज की जिद पर अड़े थे घरवाले, दुल्हन को बुला युवक ने मंदिर में रचा ली शादी

शेखपुरा : मोबाइल के इस युग में दहेज के बिना शादी की नयी क्रांति का जीता-जागता नमूना सामने आया है. दरअसल अरियरी के चोढ़दरगाह गांव के एक युवक का रिश्ता लग रहा था. इसी बीच मोबाइल पर लड़का और लड़की बात करने लगे. दहेज को लेकर रिश्ता टूटने के कगार पर पहुंच गया. लेकिन, मोबाइल […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 10, 2018 9:36 PM

शेखपुरा : मोबाइल के इस युग में दहेज के बिना शादी की नयी क्रांति का जीता-जागता नमूना सामने आया है. दरअसल अरियरी के चोढ़दरगाह गांव के एक युवक का रिश्ता लग रहा था. इसी बीच मोबाइल पर लड़का और लड़की बात करने लगे. दहेज को लेकर रिश्ता टूटने के कगार पर पहुंच गया. लेकिन, मोबाइल पर बातचीत प्रेम के अटूट रिश्ते में बदल गयी. इसी अटूट प्रेम को शनिवार के दिन मांग में चुटकी भर सिंदूर भरकर रिश्ते का रूप दे दिया.

यह मामला चोढ़दरगाह के कोइंदा गांव का है. शनिवार को मंदिर में शादी की रस्म के गवाह बड़ी तादाद में ग्रामीण बने. इस मौके पर मुखिया प्रतिनिधि मदन पासवान, प्रखंड प्रमुख संजय चौधरी, उपमुखिया सिया देवी, सरपंच डोमिनी देवी समेत कई अन्य जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे. मौके पर जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों ने बताया कि गांव निवासी सरयुग महतो के पुत्र नवलेश कुमार की शादी की बातचीत जमुई जिले के सिकंदरा अंतर्गत नौकाडीह गांव निवासी वीरेंद्र महतो की पुत्री नेहा कुमारी के साथ चल रही थी. इस बीच लड़का एवं लड़की के बीच फोन पर बातचीत भी शुरू हो गयी. दोनों में प्रेम भी हो गया, परंतु शादी की बातचीत के बीच लेन-देन की बात बाधक होने लगी. ऐसे में दहेज इस शादी में बाधा बनने लगा.

बिना दहेज शादी को परिजनों ने स्वीकारा
शादी की बातचीत के बीच जब दहेज बाधा बनने लगा तब युवक ने साहसिक फैसला लिया और उसी लड़की से बगैर दहेज की शादी करने की ठान ली. इसके बाद युवक ने लड़की एवं उनके परिजनों को अपने ही गांव बुलवा लिया और फिर शनिवार को गांव स्थित मंदिर में शादी की रस्म अदा की. बताया जाता है कि युवक के इस फैसले से उसके परिजन नाराज थे, परंतु फिर उन्होंने भी अपनी सहमति दे दी और इस शादी में दोनों परिवारों के लोग शामिल हुए.

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