नहीं मिले रुपये, नलकूप गाड़ने का सपना अधूरा

बिहार शताब्दी निजी नलकूप योजना से किसानों को आवंटित किया गया था नलकूप शेखपुरा : सूखे को देखते हुए वैकल्पिक कृषि को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने किसानों के हित में बिहार शताब्दी निजी नलकूप योजना शुरू की थी. वहीं, सरकार की इस योजना में पिछले छह माह से आवंटन नहीं मिला है. आवंटन […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 21, 2018 2:56 AM

बिहार शताब्दी निजी नलकूप योजना से किसानों को आवंटित किया गया था नलकूप

शेखपुरा : सूखे को देखते हुए वैकल्पिक कृषि को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने किसानों के हित में बिहार शताब्दी निजी नलकूप योजना शुरू की थी. वहीं, सरकार की इस योजना में पिछले छह माह से आवंटन नहीं मिला है. आवंटन के अभाव में जिले भर के सैकड़ों किसानों का निजी नलकूप गाड़ने का सपना अधूरा रह गया है. किसान आखिर वैकल्पिक सिंचाई के लिए करें तो क्या करें. सुखाड़ के इस दौर में नदी नहर, तालाब और आहर सूखे पड़े हैं. धान की खेत भी दरार देखकर किसान मायूस हो रहे हैं.
बिहार शताब्दी निजी नलकूप योजना के इस आंकड़े पर अगर नजर डालें तो जिले के अंदर 473 कृषकों निजी नलकूप के लिए आवेदन दिया था. इस नलकूप के आवेदन की समीक्षा के बाद 358 आवेदनों की अनुशंसा की गयी थी. इनमें से 355 आवेदनों को स्वीकृति प्रदान किया गया था. स्वीकृति के बाद 287 किसानों ने अपने खेतों में निजी नलकूप भी गाड़े. इसके साथ ही विभाग ने उक्त योजना के तहत 191 कृषकों के बीच 40 लाख का अनुदान भी वितरित किया. लेकिन बोरिंग करने के बाद जिले में 96 से किसान का भुगतान फिलहाल लंबित है.
क्या है शताब्दी नलकूप योजना : बिहार शताब्दी निजी नलकूप योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को वैकल्पिक सिंचाई व्यवस्था से लैस करना है. इस योजना के तहत हर किसान को बोरिंग के लिए अनुदान के रूप में 15 हजार से 35 हजार एवं मोटर के लिए 10 हजार रुपये का अनुदान देने का प्रावधान है. सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना से किसानों को सिंचाई के वैकल्पिक साधन के लिए काफी सहूलियत मिल रही है. लेकिन आवंटन के अभाव में फिलहाल किसानों का यह योजना अधर में लटकने लगा है.
चक्कर लगाने को विवश हैं किसान : जिले में बिहार शताब्दी निजी नलकूप योजना के लिए करीब डेढ़ वर्ष पूर्व आवेदन करने वाले किसान हलकान है. शेखपुरा शहर के खंडपर मोहल्ले के निवासी नरेश महतो ने बताया कि इस योजना के पिछले लंबे समय से चक्कर लगाने को विवश है. उन्होंने कहा कि लगातार चक्कर लगाने के बाद आखिरकार योजना की संचिका उप विकास आयुक्त कार्यालय में
जा अटकी है.
क्या कहते हैं अधिकारी
बिहार शताब्दी निजी नलकूप योजना के तहत प्राप्त आवेदनों की समीक्षा के बाद 437 में 355 को स्वीकृति प्रदान किया गया है. इसमें 191 का भुगतान भी कर दिया गया है. शेष बचे कृषकों के आवेदनों ने भुगतान के लिए आवंटन के लिए पत्राचार किया गया है.
निरंजन कुमार झा, डीडीसी, शेखपुरा

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