Sasaram News : ऑटो चालक सहित दो लोगों की मौत से परिजनों में मचा कोहराम
सासाराम-बिक्रमगंज मुख्य सड़क पर सोमवार की देर रात हुए भयानक सड़क हादसा हुआ
बिक्रमगंज/सूर्यपुरा. सासाराम-बिक्रमगंज मुख्य सड़क पर सोमवार की देर रात हुए भयानक सड़क हादसे ने दो परिवारों की खुशियां लील गया. नोखा थाना क्षेत्र के तराढ़ गांव के पास हुई दुर्घटना ने न सिर्फ दो नौजवानों की जान ली, बल्कि उनके पीछे छूटे परिजनों की जिंदगी में सन्नाटा छोड़ दिया कि उन्हें जिना मुश्किल हो गया. दावथ थाना क्षेत्र के मालियाबग सेमरी गांव निवासी 25 वर्षीय साहिल गुप्ता रोज की तरह अपनी सीएनजी ऑटो चलाकर घर लौट रहा था. तीन दिन पहले ही उनकी पत्नी आरती कुमारी ने सीजेरियन से एक बेटी को जन्म दिया था. घर में खुशी का माहौल था. मां-बाप के चेहरे पर मुस्कान, पत्नी की आंखों में उम्मीदें और पिता बनने की उस अनमोल अनुभूति के साथ साहिल ने मेहनत से कमाने का हौसला बांधा था. लेकिन, किसे पता था कि उसी ऑटो की स्टीयरिंग पर बैठा ये जज़्बाती पिता अब कभी घर नहीं लौटेगा. साहिल जब सासाराम से अपनी ऑटो की सर्विसिंग कराकर कुछ सवारियों के साथ घर की ओर मुड़े, तभी सामने से आ रही तेज रफ्तार स्कॉर्पियो ने उनकी गाड़ी में टक्कर मार दी. टक्कर इतनी भीषण थी कि साहिल और ऑटो में सवार दो अन्य लोगों की मौके पर ही मौत हो गयी. जबकि दो यात्री गंभीर रूप से घायल हैं. हादसे के बाद कोहराम मच गया. नवजात बेटी की मासूम किलकारियां अब मातम में बदल गयीं. पत्नी आरती की हालत देख गांव की महिलाएं भी फफक पड़ीं. माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है. श्रीकांत प्रसाद की मौत से दो बेटियों के सिर से उठा पिता का साया ऑटो में सवार करमैनी गांव निवासी श्रीकांत प्रसाद (35 वर्ष) की भी हादसे में मौत हो गयी. श्रीकांत गोरखपुर में रेलवे से जुड़ी एक निजी कंट्रक्शन कंपनी में कार्यरत थे. ड्यूटी खत्म कर अपने घर लौट रहे थे. साथ में उनका भतीजा विश्वास कुमार और बुढ़वल गांव निवासी भगिना बिरजू पासवान भी थे. पर देर रात की इस मनहूस टक्कर ने श्रीकांत की सारी जिम्मेदारियों को अधूरा छोड़ दिया. उनके दो छोटे बच्चे अब पिता के स्नेह से हमेशा के लिए वंचित हो गये हैं. विश्वास और बिरजू की हालत फिलहाल पटना में गंभीर बनी हुई है. श्रीकांत के भाई रमाकांत ने आंखों में आंसू लिये कहा “हम सब मेहनत करने जाते हैं, ताकि घर के बच्चे पढ़ सकें, पेट भर सके. किसे मालूम था, इसी नौकरी की मजबूरी हमें यह दिन दिखा देगी.” हादसे की सूचना मिलते ही दावथ के सेमरी गांव में पीड़ित परिवारों से मिलने दिनारा विधायक विजय कुमार मंडल भी पहुंचे और शोक संवेदना व्यक्त की. साथ में पूर्व मुखिया उदय शंकर शाह, संतोष सिंह सहित कई प्रतिनिधियों ने परिवारों को ढांढ़स बंधाने की कोशिश की, लेकिन जो उजाला बुझ चुका है, उसे अब कोई लौ फिर से नहीं जला पायी, दो घरों के चूल्हे ठंडे हो गये. दो बेटियां अब पिता के साये से दूर हो गयीं. सड़क पर बिखरी ऑटो की टेढ़ी-मेढ़ी फ्रेम में अब भी वह कहानी दर्ज है. मेहनतकश जिंदगी की, जिसे वक्त ने बिना किसी कसूर के बीच रास्ते में ही रोक दिया.
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