महर्षि अंजनेशजी महाराज का हुआ देहावसान, अनुयायियों में शोक

पार्थिव शरीर के साथ सैकड़ों लोगों ने किया नगर भ्रमण

By PANCHDEV KUMAR | May 15, 2025 9:37 PM

सासाराम ग्रामीण. शहर के मां ताराचंडी धाम के समीप महर्षि अंजनेश आश्रम के महंत, विश्व हिंदू परिषद केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल के सदस्य सह वेदों के उद्गत विद्वान महर्षि अंजनेशजी महाराज का बुधवार की देर रात करीब 12.15 बजे देहावसान हो गया. उनका निधन हृदय गति रूकने से हुआ. महाराज जी के निधन से शहर सहित गांवों में शोक की लहर दौड़ गयी. निधन की खबर सुनते ही लोग आश्रम की ओर निकल पड़े. गुरुवार की सुबह करीब दस बजे से महाराज जी के पार्थिव शरीर के साथ नगर भ्रमण हुआ. नगर भ्रमण अंजनेश आश्रम से प्रारंभ हुआ. इसके बाद सागर, आलमगंज, चौक बाजार, मदार दरवाजा, गंधीनीम, शेरगंज, बांध रोड, शिवघाट ,बस्ती मोड़, जानी बाजार, नवरतन बाजार, गोला थाना, कादिरगंज होते पुनः महर्षि अंजनेश आश्रम पहुंचा. इसके बाद विधि-विधान के साथ आश्रम परिसर में समाधि दी गयी. मौके पर पूर्व विधायक जवाहर प्रसाद, विश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष डॉ दिनेश शर्मा, अरुण कांस्यकार, डॉ शिवनाथ चौधरी, बेचू महतो, सरदार नंदलाल सिंह, संतोष कुमार आदि शामिल थे. खुढनु गांव के थे महर्षी अंजनेश महर्षी अंजनेश जी महाराज का जन्म रोहतास जिले के शिवसागर प्रखंड अंतर्गत खुढनु गांव में एक कायस्थ परिवार में वर्ष 1960 में हुआ. इनका पुराना नाम अंजनी कुमार श्रीवास्तव था. उनके पिता स्व गौरी शंकर श्रीवास्तव सासाराम सिविल कोर्ट में पेशकार थे. इसके साथ सासाराम में शिक्षा ग्रहण के बाद अंजनी कुमार श्रीवास्तव भी कोर्ट में कातीब का कार्य प्रारंभ किया. उन्होंने अपने वैवाहिक जीवन भी शुरू की. उनके दो पुत्र हुए, जिनका नाम रणजीतेश्वर जी महाराज व रणधीर बहादुर है. वर्ष 1992 में उन्होंने कचहरी के कातीब का कार्य छोड़ कर ईश्वर की ओर कनेक्शन जोड़ लिया व अध्यात्म की तरफ प्रवृत्त हो गये थे. इसके बाद मां ताराचंडी धाम के समीप अपनी जमीन खरीद कर आश्रम का निर्माण कराया. इसके साथ उन्होंने गृहस्थ आश्रम में रहते हुए अध्यात्म की दुनिया से जुड़े रहे. अध्यात्म से जुड़ने के बाद उनका नाम महर्षि अंजनेश जी महाराज हो गया और उनके आश्रम का नाम महर्षि अंजनेश जी आश्रम पड़ा. उनके विभिन्न प्रदेशों में अनुयायी हुए. प्रत्येक माह कोई धार्मीक कार्य उन्होंने अपने आश्रम में आयोजित कराते रहते थे. उन्हें विभिन्न पद से मनोनित भी किया गया था. विश्व हिंदू परिषद केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल के सदस्य, अखिल भारतीय संत महासभा के उपाध्यक्ष भी थे. महर्षि अंजनेश के समाधी पर विभिन्न जगहों से पहुंचे संत महर्षि अंजनेश की निधन के बाद जब गुरुवार को उनकी समाधि दी गयी. इस समाधि के दौरान विभिन्न जगहों से उनके अनुयायी व संत पहुंचे. इसमें किन्नर अखाड़ा , सकल सेवा संस्थान गया की मां रूद्राणी, बक्सर से मनोज श्रीवास्तव, पटना से अजय कुमार, प्रयागराज से अजय कुमार सहित विभिन्न जगहों से संत शामिल हुए. नगर भ्रमण में ये भी थे शामिल संदीप सोनी, अशोक कुमार, राम इकबाल सिंह, सुशील सोनी, मुकेश पांडेय, रजनीश कुमार वर्मा, ध्रुव सिंह, उमेश रावत, कपिल देव चौधरी, सुजीत गोंड, सुनील बाला जी, सुरेंद्र गुप्ता, सन्नी चंद्रवंशी, गिरिजेश जी, विजय तुलस्यान, रामायण पासवान, प्रकाश दीप, सन्नी चौरसिया, पंकज महतो, बजरंगी कुमार, राकेश रंजन, जितेंद्र कुमार, सानू तिवारी, गोलू दुबे, हिमांशु कुमार, राजू कांस्यकार, जितेंद्र चौरसिया, प्रकाश चौरसिया, मारुति नंदन, दीपक चौरसिया, उमेश पाण्डेय, सोनू मेहता, हर्ष गुप्ता, चंदन कुमार, गौतम जी, हरिओम कुमार, युवराज कुमार, गोपाल पाण्डेय, मोनू सोनी, अरविंद कुमार, शुभम कुमार, सौरभ कुमार, ज्योति देवी, नर्मदा देवी सहित सैकड़ों लोग शामिल थे.

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