डेहरी ऑफिस़ शहर के आसपास की कई मुख्य सड़कों की स्थिति जर्जर हो गयी है. इससे शहर में आने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. विदित हो कि इंद्रपुरी बराज से निकली पश्चिमी सोन नहर और उसके समानांतर नहर के बीच डेहरी शहर को जोड़ने के लिए बनी सड़क की स्थिति इंद्रपुरी से डेहरी हदहदवा पुल तक खतरनाक हो गयी है. थोड़ी सी बारिश होने पर सड़क पर पसरे कीचड़ से फिसलन हो जा रहा है, जो दुर्घटना को आमंत्रण दे रहा है. उक्त सड़क जहां इंद्रपुरी से डेहरी शहर को जोड़ता है ,वहीं यह दर्जनों गांवों में आने जाने के लिए लाइफ लाइन है. बीते करीब पांच वर्षों में उक्त नहर में गिरने से कई लोगों की जान जा चुकी है. कितने लोगों के हाथ पैर भी टूट चुके है. उक्त पथ पर मानव सुरक्षा के लिए कहीं रेडियम युक्त बोर्ड और गाड़ी धीरे चलाएं, दुर्घटना क्षेत्र आदि संकेत लिखा बोर्ड भी नहीं लगा है. वहीं, जीटी रोड से सखरा नहर होते गंगौली, देवरिया जाने वाली सड़क में जगह-जगह गिट्टी उखड़ कर गड्ढे उभर आये है. उक्त गड्ढों में अब तक कई बाइक चालक गिरकर घायल हो चुके है. कुछ ऐसी ही स्थिति मकराइन गुमटी रेलवे ओवरब्रिज से डालमियानगर रेलवे प्लेटफाॅर्म तक रेलवे लाइन के समानांतर जाने वाली सड़क की भी है, जिसमें जगह जगह गड्ढे हो गये है. हल्की बारिश के बाद उक्त सड़क पर उभरे गड्ढा में पानी भर जाने के कारण गड्ढे का अंदाजा नहीं मिलने से यात्री उसमें गिर जाते हैं. जर्जर सड़क के कारण कई यात्रियों की ट्रेन भी छूट जाती है. मकराइन रेलवे मैदान से सोन नदी पुल होते पाली गुमटी काली मंदिर तक जाने वाली वैकल्पिक सड़क में भी जगह-जगह गिट्टी उखड़ कर रास्ता खराब हो गया है. उससे सोन नदी की तरफ वाहन उतारने में उसका पलटने की आशंका से लोग भयभीत रहते है. पक्कीकरण नहीं करने से पथ हुआ खतरनाक इस संबंध में सरपंच संजय सिंह, अनिल ओझा, राहुल ओझा, श्रवण गुप्ता, अनिल कुमार, मनोज सिंह, राजू कुमार आदि ने कहा कि इंद्रपुरी बराज से डेहरी हदहदवा पुल तक पश्चिमी सोन नहर के पक्कीकारण व चौड़ीकरण के दौरान नहर पर बनी सड़क पर थोड़ी बहुत मिट्टी, गिट्टी, छाई आदि डालकर छोड़ दिया गया है. उसपर ढलाई और पक्कीकरण का कार्य नहीं किया गया है. इससे उक्त पथ काफी खतरनाक हो गया है. आस पास के गांव व कई मुहल्लों को शहर से जोड़ने वाली करीब आधा दर्जन सड़कों की स्थिति भी आज काफी नाजुक है. उक्त सड़कों पर आश्रित लोगों को किसी की तबीयत खराब होने पर उसे अस्पताल पहुंचाने में सोचना पड़ता है. ऐसे में उन सड़कों से संबंधित विभागों को चाहिए कि जर्जर हो चुकी सड़कों को अविलंब ठीक कराए, नहीं तो बरसात के दिनों में उक्त जर्जर सड़कें अपना अस्तित्व खो देंगी.
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