profilePicture

27 जून से शुरू हो सकता है मुहर्रम, तैयारी शुरू

इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार साल के पहले महीने में है मुहर्रम

By PANCHDEV KUMAR | June 12, 2025 9:24 PM
27 जून से शुरू हो सकता है मुहर्रम, तैयारी शुरू

सासाराम ऑफिस. इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना मुहर्रम 27 या 28 जून से शुरू होगा. अभी मुहर्रम को कई दिन बाकी है. लेकिन, इसको लेकर तैयारी अभी से ही शुरू हो गयी है. बकरीद बीतने के बाद से ही जिला प्रशासन व मुहर्रम कमेटी हरकत में आ गयी है. बुधवार की देर शाम करीब 11 बजे नगर आयुक्त विकास कुमार व मरकजी मुहर्रम कमेटी के सचिव अखलाक अहमद रिजवी, अध्यक्ष मुन्ना खां, नगर पूजा समिति के पदाधिकारी सहित अन्य सदस्यों ने जुलूस के रूटों का वेरिफिकेशन किया. नगर आयुक्त ने कहा कि इस वर्ष जुलूस के दौरान किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसको देखते हुए रूटों का वेरिफिकेशन किया जा रहा है. चार माह सबसे पवित्र माना जाता है. गौरतलब हो कि विगत सात जून को बकरीद का पर्व मनाया गया है. इसी बकरीद के 20 दिनों बाद मुहर्रम की दस तारीख यानी आशूरा होगा. जानकारों की मानें, तो इस्लामी कैलेंडर में 12 महीने होते हैं. इसमें से चार सबसे पवित्र माने जाते हैं. इनमें जुल-कादा, जुल-हिज्जा, मुहर्रम और चौथा रजब का नाम शामिल हैं. इन माह को अल्लाह की दया और कृपा पाने के लिए सबसे उचित माना जाता है. मुहर्रम के महीने को लेकर शिया और सुन्नी समुदाय दोनों की मान्यताएं अलग-अलग हैं. जहां शिया समुदाय के लोग मजलिस (इमाम हुसैन की शहादत का जिक्र) करते हैं और जुलूस निकाल मातम मनाते हैं, तो सुन्नी समुदाय के कुछ लोग नौ व 10 या 10 व 11 मुहर्रम को रोजा रखते हैं. हालांकि, इस महीने मुसलमानों के लिए रोजा रखना फर्ज नहीं होता है. सुन्नत (पुण्य) के तौर पर मुस्लिम ये रोजा रख सकते हैं. साथ ही घरों में फातिहा खानी करते हैं. कुरान खानी कराते हैं. लंगर (खिचड़ा समेत अन्य खाने योग्य सामग्री) को लोगों के बीच बांटते हैं. जगह-जगह शरबत बांटते हैं. साथ ही अन्य इबादत कर ज्यादा-से-ज्यादा सवाब कमाने की कोशिश करते हैं. सासाराम में चांद रात से इमाम चौकों पर फातिहा नियाज आदि का कार्यक्रम शुरू होगा, जो आशूरा तक चलेगा. वहीं, दो, चार, पांच मुहर्रम को शहर में मिट्टी का जुलूस रात में निकलेगा. सात व आठ मुहर्रम को विभिन्न जगहों पर नाल साहेब की स्थापना व दर्शन रात में होगा. नौ मुहर्रम को दिन में छोटी चौकी का जुलूस व रात में रोशनी व नाल साहेब का दर्शन होगा. 10 मुहर्रम को दिन में बड़ी चौकी का जुलूस व रात में ताजियों का दर्शन तथा 11 मोहर्रम को दिन में पहलाम का जुलूस निकलेगा, जो रात तक चलेगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article