हमारा शहर, हमारी समस्या के अनुरूप हो समाधान, हम करेंगे पहल : डॉ सचिन कुमार
SASARAM NEWS. सासाराम विकास मंच (आप और हम) का उद्देश्य अपनी समस्या को स्वयं ही सुलझाने के साथ शहर को सुंदर बनाते हुए विकसित करना है. क्योंकि किसी भी शहर का विकास उसके भौगोलिक व सामाजिक स्थिति के अनुरूप नहीं होगा, तो समस्याएं होंगी ही. यह बात बुधवार को शहर के सत्यम प्लेस में आयोजित विचार गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए सासाराम विकास मंच (आप और हम) के संयोजक डॉ सचिन कुमार सिंह ने कही.
सासाराम विकास मंच की विचार गोष्ठी में शहर की समस्याओं के निदान और पर्यटन को बढ़ावा देने पर हुआ विमर्श
शहर से होकर ही जिले में पर्यटन का खुलेगा मार्ग, बढ़ेगा स्थानीय रोजगार, लोग होंगे आर्थिक रूप से मजबूत
सासाराम ऑफिस.
सासाराम विकास मंच (आप और हम) का उद्देश्य अपनी समस्या को स्वयं ही सुलझाने के साथ शहर को सुंदर बनाते हुए विकसित करना है. क्योंकि किसी भी शहर का विकास उसके भौगोलिक व सामाजिक स्थिति के अनुरूप नहीं होगा, तो समस्याएं होंगी ही. यह बात बुधवार को शहर के सत्यम प्लेस में आयोजित विचार गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए सासाराम विकास मंच (आप और हम) के संयोजक डॉ सचिन कुमार सिंह ने कही. उन्होंने कहा कि हमारे शहर की नगरपालिका के स्थापना के 156 वर्ष हो चुके हैं. शहर के विकास पर अरबों रुपये खर्च हुए होंगे. वर्तमान में भी करोड़ों खर्च कर विकास योजनाएं चल रही हैं. पर, क्या हम कह सकते हैं कि ये सभी योजनाएं हमारे बच्चों के काम आयेंगी? नहीं, हम ऐसा नहीं कह सकतें. क्योंकि सैकड़ों नालियां और सड़कें बनी होंगी, बावजूद इसके वर्तमान समय में सैकड़ों मकान इसलिए जमींंदोज हो गए हैं कि हमारे लिए योजना बनाने वाले ने कुछ इस तरह नहीं सोचा कि नये निर्माण से पुराने को हानि होगी. उन्होंने कहा कि इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमने इस मंच का गठन किया है, जिसमें शहर के निवासी अपनी समस्याओं के समाधान के लिए स्थानीय प्रशासन से बात करेंगे और अपने लाभार्थ योजना बनवाकर काम करायेंगे. ताकि हमारे बच्चों को भविष्य में कोई परेशानी नहीं हो.पर्यटन को बढ़ाने के लिए शहर में सुविधा
गोष्ठी में अधिवक्ता दीपक कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि किसी जिले का पर्यटन उसके मुख्यालय स्थित शहर से शुरू होता है. संयोग से हमारा शहर ऐतिहासिक ही नहीं प्राचीन भी है. बहुत सारे दर्शनीय स्थल हैं. जिले पर्यटक स्थलों की भरमार है. पर, मेरे विचार से यहां पर्यटन को इस लिए बढ़ावा नहीं मिल रहा है कि जिला मुख्यालय में सरकारी तौर पर कोई बेहतर होटल नहीं है. पर्यटन स्थलों को बताने वाला कोई नहीं है. ऐसे में पहले शहर को व्यवस्थित करना होगा. चलने लायक सड़कें बनवानी होंगी. सरकारी स्तर पर होटलों का निर्माण कराना होगा, ताकि अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय स्तर के पर्यटकों को बेहतर सुविधा मिल सके.सभी धर्मों का है तीर्थ स्थल
वक्ताओं ने कहा कि शहर ऐतिहासिक ही नहीं प्राचीन भी है. इसका उदाहरण सम्राट अशोक का लघु शिलालेख है. आज के समय में कोई इसे देखने की कोशिश करे, तो उसे अव्यस्थित शहर से गुजरना पड़ता है. इसके बाद अधिसंख्य पर्यटकों को यह पता ही नहीं चलता है कि इस शिलालेख तक पहुंचेंगे कैसे? हमें इस विषय पर गौर करना होगा. हमारे यहां सिख धर्म से जुड़े ऐतिहासिक गुरुद्वारे हैं, तो हिन्दू धर्म से जुड़ी धार्मिक स्थल, इस्लाम धर्म से जुड़े सुफी-संतों के मकबरे और सबसे बड़ा और अति महत्वपूर्ण शेरशाह सूरी का मकबरा. क्या हम ईमानदारी से कह सकते हैं कि इन स्थलों तक आसानी से पहुंचा जा सकता है. वस्तुत: नहीं. तो, इसके लिए हमें काम करना होगा. इस संस्था के साथ चलकर हम अपने शहर को अपने बच्चों के लिए सुंदर और विकसित करेंगे. जब शहर में सुविधाएं बढ़ेगी और शहर अच्छा होगा, तो रोजगार के साधन स्वयं उत्पन्न होंगे.गोष्ठी में ये थे शामिल
गोष्ठी का संचालन सुधीर चंद्रवंशी ने किया, जिसमें कुशवाहा सभा भवन के पूर्व अध्यक्ष ललित कुमार सिंह, रोहतास महिला कॉलेज के प्राचार्य प्रो डॉ राजेंद्र प्रसाद सिंह, पूर्व सिविल सर्जन डॉ केएन तिवारी, पूर्व प्राचार्य एसपी जैन कॉलेज प्रो डॉ गुरुचरण सिंह, समाजसेवी सत्यनारायण स्वामी, डॉ जावेद अख्तर, अधिवक्ता रमेश कुमार रमन, साहित्यकार सरोज कुमार पंकज, व्यवसायी ओम प्रकाश अग्रवाल, विनोद बिहारी जायसवाल, द्वारिका शर्मा, अशोक कुमार महतो, नगर पर्षद के पूर्व उपाध्यक्ष चंद्रशेखर सिंह, मुखिया ओम प्रकाश सिंह, जोगेंद्र कुशवाहा, माधो सिंह कुशवाहा आदि शामिल थे.
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