पराली जलाते पकड़े जाने पर किसान और किसान सलाहकार पर होगी कार्रवाई
पकड़े जाने पर किसान हो सकते है सरकारी योजना के लाभ से वंचित
पिछले सात किसानो पर की गयी थी कार्रवाई पकड़े जाने पर किसान हो सकते है सरकारी योजना के लाभ से वंचित प्रतिनिधि, डेहरी नगर अक्सर खेतों में मशीन से धान की कटनी के बाद किसान फुआल समेटने या वैकल्पिक तरीके से निस्तारण करने के बजाय उसमें आग लगा देते हैं. लेकिन, पराली जलाने से पर्यावरण प्रदूषण बढ़ाने के साथ-साथ भूमि की उर्वरा शक्ति घटती है. वहीं, स्वास्थ्य संबंधित दिक्कतें लोगों को उत्पन्न होती है. जिस पंचायत में पराली जलाते पाया जाता है, तो उक्त पंचायत के किसान सलाहकार की जिम्मेवारी होगी. संबंधित किसान पर कार्रवाई हो सकती है. किसानों द्वारा के खेत में पराली जलते हुए पाये जाने पर वैसे किसान सरकारी योजना के लाभ वंचित हो सकते हैं. पिछले वर्ष खेतों में पराली जलाने के मामले में प्रखंड कृषि पदाधिकारी ने सात किसानों के डीबीटी पर रोक लगा दी थी. प्रखंड कृषि पदाधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि प्रखंड क्षेत्र में लगभग 7391.75 हेक्टेयर भूमि पर धान की खेती होती है. लगभग दो प्रतिशत धान का कटनी हुई है. उन्होंने कहा कि जिस किसान सलाहकार के क्षेत्र में पराली जलते हुए पाया जाता ह, तो उक्त किसान सलाहकार पर कार्रवाई होगी. साथ ही संबंधित किसान को सरकारी योजना के लाभ से वंचित कर दिया जायेगा. प्रखंड क्षेत्र में किसान अपने खेतों में पराली नहीं जलाये. इसे लेकर किसान सलाहकार को अपने अपने पंचायत क्षेत्र में एक्टिव मोड में रहने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने किसानों से आग्रह किया है कि परली जलाने से पर्यावरण प्रदूषण बढ़ता है, भूमि की उर्वरता घटती है व स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें उत्पन्न होती है. परली प्रबंधन के कई वैकल्पिक तरीके जैसे रोटावेटर, हैप्पी सीडर, मल्चर आदि का उपयोग करें व पर्यावरण संरक्षण में सहयोग दें.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
