sasaram News: एनडीए कैडेट रजत पदक विजेता सिद्धार्थ बने भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट
बड़े भाई की राह पर चल बना पासिंग आउट परेड कमांडर व कोर्स का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी
सासाराम कार्यालय. शाहाबाद प्रक्षेत्र के बक्सर जिले के डुमरांव का एनडीए कैडेट राष्ट्रपति से रजत पदक विजेता सिद्धार्थ सिंह भारतीय सेना का लेफ्टिनेंट बना, तो गांव के लोगों के साथ नाते-रिश्तेदारों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी. 30 नवंबर को महाराष्ट्र के पुणे जिले के खडगवासला स्थित एनडीए ग्राउंड में आयोजित पासिंग आउट परेड में जब सिद्धार्थ ने अंतिम पग पार किया, तो समारोह में उपस्थित पिता सासाराम स्थित डीबीएस ऑटोमोबाइल्स (टाटा मोटर्स) के जनरल मैनेजर सुनील कुमार सिंह, माता सुमन सिंह, बड़े भाई फ्लाइट लेफ्टिनेंट समर्थ सिंह और समर्थ सिंह की मंगेतर फ्लाइट लेफ्टिनेंट अंजुली सिंह गौरवान्वित हो उठे. एक दूसरे को बधाई दी. सुनील कुमार सिंह ने बताया कि सिद्धार्थ परेड का कमान संभालने वाला 149वां कैडेट बना है. जिसे राष्ट्रपति का रजत पदक के साथ पासिंग आउट कोर्स का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का सम्मान भी मिला. वहीं, सिद्धार्थ ने कहा कि एनडीए का प्रशिक्षण “समग्र और कठोर” है. एनडीए में सुबह की पीटी और ड्रिल से लेकर गहन सेवा कक्षाओं व विस्तृत शैक्षणिक पाठ्यक्रम आपको दुनिया और उसकी चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करता है. उसने बताया कि मेरी स्कूली शिक्षा राष्ट्रीय भारतीय सैन्य कॉलेज (आरआइएमसी), देहरादून से हुई है, जहां मैं कैडेट कैप्टन के पद पर भी रहा था. अब भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए), देहरादून में एक वर्ष का प्री-कमीशन प्रशिक्षण के लिए जायेगा, जिसके बाद भारतीय सेना में अधिकारी के रूप में शामिल हो जाऊंगा. गौरतलब हो कि सिद्धार्थ सेवा-भाव से जुड़े पारिवारिक पृष्ठभूमि से आते हैं. पिता सुनील कुमार सिंह सासाराम स्थित डीबीएस ऑटोमोबाइल्स (टाटा मोटर्स) में जनरल मैनेजर हैं, जबकि माता सुमन सिंह गृहिणी हैं. बड़े भाई फ्लाइट लेफ्टिनेंट समर्थ सिंह, पूर्व एनडीए कैडेट, वर्तमान में भारतीय वायुसेना में फाइटर पायलट के रूप में सेवा दे रहे हैं. सिद्धार्थ के दादा सीता राम सिंह, डीके कॉलेज डुमरांव में प्रधान लिपिक से सेवानिवृत हैं, तो नाना राम सुरेश सिंह भारतीय वायुसेना के पूर्व वारंट ऑफिसर हैं. चाचा अनिल सिंह सेना में सूबेदार के पद पर कार्यरत हैं. परिवार के सदस्य अशोक सिंह, एनपी सिंह, बीना सिंह आदि ने सिद्धार्थ के उज्ज्वल भविष्य की कामना की है.
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