Sasaram News : चातुर्मास ज्ञान लक्ष्मी नारायण महायज्ञ को लेकर निकली कलश शोभायात्रा

नगर पंचायत चेनारी के हट्टा गांव के पास हो रहा आयोजन

By PANCHDEV KUMAR | October 8, 2025 9:46 PM

चेनारी. नगर पंचायत चेनारी के हट्टा गांव के पास आयोजित चातुर्मास ज्ञान महायज्ञ की जलभरी में बुधवार को श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा. दस हजार से अधिक महिला-पुरुष श्रद्धालुओं ने माथे पर कलश रख जलभरी यात्रा निकाली. लगभग तीन हजार अन्य श्रद्धालु भी यात्रा में शामिल थे. हट्टा गांव से निकली यह जलभरी यात्रा शिव मंदिर भरंदुआ से लगभग चार किलोमीटर दूर दुर्गावती नदी तक गयी, जहां से जल भरा गया. यात्रा की भव्यता देखते ही बन रही थी. वैदिक परंपरा के अनुसार सबसे आगे अश्व, गज और ऊंट के साथ श्रद्धालु कलश लिए चल रहे थे. कड़ी धूप के बावजूद लोगों की आस्था भारी पड़ रही थी. यह जलयात्रा यज्ञ स्थल से प्रारंभ होकर शिव मंदिर भरंदुआ, नई पानी टंकी, नेहरू रोड, इंदिरा चौक, गांधी चौक, चांदनी चौक, वीआइपी कॉलोनी, डाक बंगला मार्केट, संत सिंह चौक होते हुए लांजी नहर तक पहुंची. वहां से वीर नगर गांव स्थित दुर्गावती नदी के घाट से जल लेकर श्रद्धालु पुनः यज्ञ स्थल लौटे़ चातुर्मास यज्ञ नगर पंचायत स्थित हट्टा ग्राम, बेनी सिंह कॉलेज के ठीक सामने विगत चार माह से चल रहा है. चातुर्मास व्रत के उपरांत श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ का भव्य आयोजन किया गया है. बुधवार आठ अक्त्तूबर से 151 यज्ञशालाओं में श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ प्रारंभ हो गया. गुरुवार 9 अक्त्तूबर से नियमित यज्ञ शुरू होगा. 13 अक्त्तूबर को संत सम्मेलन, पूर्णाहुति और भंडारा का आयोजन होगा. स्वामी सुंदर दास महाराज ने बताया कि इस महायज्ञ में उत्तर प्रदेश के काशी, अयोध्या, मथुरा, वृंदावन, हरिद्वार और बिहार के बक्सर सहित विभिन्न स्थानों से संत-महात्माओं का आगमन होगा. यह महायज्ञ स्वामी सुंदर दास जी महाराज के संकल्प से आयोजित किया गया है. छह किलोमीटर लंबी यात्रा महायज्ञ के प्रथम दिन दोपहर करीब 12 बजे दर्जनों यजमानों सहित लगभग दस हजार श्रद्धालु महिला-पुरुष कलश यात्रा में शामिल हुए. यह यात्रा करीब छह किलोमीटर लंबी रही. इस दौरान एक हाथी, लगभग दो हजार घोड़े और आधा दर्जन ऊंट भी शामिल थे. श्रद्धालुओं की भीड़ इतनी अधिक थी कि जब कुछ कलश यात्री यज्ञ स्थल से निकल रहे थे, तब कई श्रद्धालु वापस लौट भी चुके थे. यात्रा मार्ग में जगह-जगह पानी, शर्बत और मिठाई की व्यवस्था की गयी थी. लोग अपने-अपने घरों से फूल बरसाकर श्रद्धालुओं का स्वागत कर रहे थे. सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये थे. बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात था और समिति के सदस्य यातायात व्यवस्था में सहयोग कर रहे थे.

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