सोनपुर मेले में स्थानीय कलाकारों की कारीगरी बनी आकर्षण का केंद्र

मेले में प्रवेश करते ही विभिन्न जिलों और क्षेत्रों की कलाकृतियों से सजी दुकानें आकर्षित करती हैं.

By ALOK KUMAR | November 30, 2025 10:11 PM

सोनपुर. मेले में प्रवेश करते ही विभिन्न जिलों और क्षेत्रों की कलाकृतियों से सजी दुकानें आकर्षित करती हैं. मिट्टी के खूबसूरत बर्तन, रंग-बिरंगे खिलौने, बेंत और बांस से बनी दैनिक उपयोग की वस्तुएं, और लकड़ी की नक्काशी के उत्कृष्ट नमूने यहां की कला-संपदा को दर्शाते हैं. ये वस्तुएं किसी मशीन से नहीं, बल्कि कारीगरों के हुनर और अथक परिश्रम से तैयार की जाती हैं. इन सबके बीच सिक्की कला का विशेष स्थान है. यह कला केवल वस्तु नहीं, बल्कि कारीगरों की पीढ़ियों से अर्जित दक्षता और उनकी आजीविका का आधार है. मेले में भाग लेना उनके लिए सालभर की मेहनत से तैयार किये गये सामान को बेचने का सबसे बड़ा अवसर होता है. वे दूर-दराज के गांवों से बड़ी उम्मीदों के साथ यहां पहुंचते हैं. मेले में ग्राहक और कारीगर के बीच सीधा संवाद होता है, जिससे न सिर्फ खरीदारी होती है, बल्कि ग्राहक को कला की कहानी, उसके इतिहास, और उसे बनाने के पीछे के गहरे परिश्रम को समझने का अवसर मिलता है.

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