सोनपुर अनुमंडलीय अस्पताल का राज्य स्तरीय टीम ने किया निरीक्षण
नवजात व मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने को लेकर स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध है. इस दिशा में कई महत्वपूर्ण योजनाएं चलायी जा रही है.
छपरा. नवजात व मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने को लेकर स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध है. इस दिशा में कई महत्वपूर्ण योजनाएं चलायी जा रही है. इसी उद्देश्य को पूर्ति करने के लिए लक्ष्य सर्टिफिकेशन कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है. जिसके तहत अस्पतालों में प्रसव कक्ष और ऑपरेशन थिएटर का मूल्यांकन कर अंक के आधार पर प्रमाणीकरण किया जाता है. गुरुवार और शुक्रवार को राज्य स्तरीय लक्ष्य टीम के द्वारा अनुमंडलीय अस्पताल सोनपुर का असेस्मेंट किया गया. टीम में वैशाली के डीक्यूएसी डॉ दीपक कुमार व पिरामल से दीपिका राणा मौजूद थी. जिन्होंने अस्पताल में विभिन्न बिन्दुओं पर गहनता से जांच की. आठ मानकों मुख्य रूप से सेवा प्रावधान, रोगी का अधिकार, इनपुट, सपोर्ट सर्विसेज, क्लीनिकल सर्विसेज, इंफेक्शन कंट्रोल, क्वालिटी मैनेजमेंट, आउटकम का मूल्यांकन किया गया. राज्यस्तरीय प्रमाण पत्र के बाद इसे स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के पास भेजा जाता है. इसके बाद राष्ट्रीय स्तर की टीम अस्पताल का निरीक्षण व ऑडिट करती है. कम से कम 70 प्रतिशत अंक मिलने पर ही लक्ष्य प्रमाणीकरण प्राप्त होता है. लेबर रूम और मैटरनिटी ओटी में गुणवत्ता सुधार का मूल्यांकन एनक्यूएएस के माध्यम से किया जायेगा एनक्यूएएस पर 70 फीसदी अंक प्राप्त करने वाली प्रत्येक सुविधा को लक्ष्य प्रमाणित सुविधा के रूप में प्रमाणित किया जायेगा. इसके अलावा, लक्ष्य प्रमाणित सुविधाओं की ब्रांडिंग एनक्यूएएस स्कोर के अनुसार की जायेगी. सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि लक्ष्य कार्यक्रम से सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों में प्रसव कराने वाली हर गर्भवती महिला और नवजात शिशु को लाभ मिलेगा. कार्यक्रम से लेबर रूम, प्रसूति ऑपरेशन थियेटर और प्रसूति गहन चिकित्सा इकाइयों और उच्च निर्भरता इकाइयों में गर्भवती महिलाओं की देखभाल की गुणवत्ता में सुधार होगा. प्रसव कक्ष के अलावा प्रसूता कक्ष को लक्ष्य प्रमाणीकरण के गाइडलाइन के तहत संस्थागत प्रसव के लिए सुव्यवस्थित तरीके से तैयार करते हुए हर तरह की सुविधाएं दी जाती है. लक्ष्य योजना के मानकों के अनुरूप प्रसव से संबंधित सभी तरह की मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई गयी हैं. इस मौके पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. पुनम, अस्पताल प्रबंधक मृत्युंजय पांडेय सभी जीएनएम, एएनएम, स्वास्थ्यकर्मी और सहयोगी संस्था के प्रतिनिधि मौजूद थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
