खनुवा नाला से अतिक्रमण हटाकर एक सप्ताह में शपथ पत्र दाखिल करें डीएम : एनजीटी
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने सारण के जिलाधिकारी को खनुवा नाला पर हुए अतिक्रमण को तत्काल हटाने और की गयी कार्रवाई की सूचना एक सप्ताह के भीतर शपथ पत्र के माध्यम से देने का आदेश दिया है.
छपरा. राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने सारण के जिलाधिकारी को खनुवा नाला पर हुए अतिक्रमण को तत्काल हटाने और की गयी कार्रवाई की सूचना एक सप्ताह के भीतर शपथ पत्र के माध्यम से देने का आदेश दिया है. एनजीटी के पूर्वी क्षेत्र की खंडपीठ ने यह आदेश वेटरंस फोरम द्वारा दाखिल दोबारा अनुपालन वाद पर सुनवाई के दौरान दिया. याचिकाकर्ता डॉ बीएनपी सिंह ने खंडपीठ को सूचित किया कि 2017 और फिर 2021 में आदेश पारित होने के बावजूद खनुवा नाले को अभी तक पूरी तरह से पुनर्स्थापित नहीं किया गया है. उन्होंने बताया कि संबंधित विभागों द्वारा मात्र 20% निर्माण ही किया गया है, वह भी कहीं-कहीं टुकड़ों में. याचिकाकर्ता ने बताया कि पूरा नगर निगम क्षेत्र हाल ही में 20 दिनों में भीषण जलजमाव की दो त्रासद घटनाओं से गुज़रा है. इन दोनों ही बार जिलाधिकारी कार्यालय, उनका कक्ष, न्यायालय परिसर और आस-पास की सभी दुकानें कई दिनों तक चार-पांच फीट पानी में डूबी रहीं. यहां तक कि न्यायालय के रिकॉर्ड पूरी तरह भीग चुके थे और उन्हें छत पर सुखाया गया था. याचिकाकर्ता ने कहा कि हल्की बारिश भी शहर में बड़े जलजमाव का कारण बनती है और प्रशासन के पास इससे निपटने की कोई तैयारी नहीं है. याचिकाकर्ता डॉ सिंह ने जिलाधिकारी और नगर निगम द्वारा दायर दो विरोधी हलफनामों की ओर भी खंडपीठ का ध्यान आकर्षित कराया. वहीं जिलाधिकारी द्वारा दायर हलफनामे में कहा गया था कि खनुवा नाले पर अब कोई भी अतिक्रमण नहीं है. इसके ठीक विपरीत, नगर निगम द्वारा खंडपीठ को सूचित किया गया कि नाले से अतिक्रमण नहीं हटाए जाने के कारण निर्माण कार्य बाधित हो रहा है. खंडपीठ ने इसे गंभीरता से लिया और जिलाधिकारी को आदेश दिया कि वे 2021 के आदेश में वर्णित अतिक्रमणकारियों की सूची के अनुसार नाले को तुरंत अतिक्रमण से मुक्त करें और की गयी कार्रवाई की सूचना शपथ पत्र के ज़रिए एक सप्ताह में दें. अगली सुनवाई की तिथि 30 फरवरी तय की गयी है.
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