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छपरा के जेपीयू में 15 हजार से अधिक डिग्रियां पेंडिंग, छात्रों के कैरियर पर लगा ग्रहण

छपरा मे छात्रों को समय पर मार्कशीट व पंजीयन उपलब्ध नहीं करा पाने के कारण जयप्रकाश विश्वविद्यालय में सत्रों को नियमित करने की कठिन चुनौती बनी हुई है. वहीं हजारों की संख्या में डिग्रियां पेंडिंग होने के कारण छात्रों के एकेडमिक कैरियर पर भी प्रभाव पड़ रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | April 14, 2022 9:47 AM
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छपरा मे छात्रों को समय पर मार्कशीट व पंजीयन उपलब्ध नहीं करा पाने के कारण जयप्रकाश विश्वविद्यालय में सत्रों को नियमित करने की कठिन चुनौती बनी हुई है. वहीं हजारों की संख्या में डिग्रियां पेंडिंग होने के कारण छात्रों के एकेडमिक कैरियर पर भी प्रभाव पड़ रहा है.

15 हजार से भी अधिक डिग्रियां पेंडिंग

विश्वविद्यालय में स्नातक की 15 हजार से भी अधिक डिग्रियां पेंडिंग हैं. इनमें से अधिकतर डिग्री स्नातक सत्र 2017-20 के छात्रों की हैं. इस सत्र में कुल 10379 छात्र-छात्राएं उत्तीर्ण हुए थे. वहीं पूर्व के सत्रों के करीब चार हजार प्रोमोटड व अनुत्तीर्ण छात्र-छात्राओं ने भी सत्र 2017-20 फाइनल इयर के अंतर्गत अपना स्नातक पूर्ण किया है.

दीक्षांत अबतक आयोजित नहीं हो सका

विदित हो कि सत्र 2017-20 के उत्तीर्ण छात्रों का दीक्षांत अबतक आयोजित नहीं हो सका है. विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुसार राजभवन से दीक्षांत का डीम्ड डेट मिलने की प्रतीक्षा है. तिथि निर्धारित होते ही डिग्रियां बननी शुरू हो जायेंगी. जिसके बाद छात्रों से प्राप्त ऑनलाइन आवेदन के आधार पर उन्हें डिग्री उपलब्ध करा दी जायेगी.

छात्रों का एकेडमी कैरियर प्रभावित

स्नातक व पीजी की डिग्रियां निर्धारित समय पर नहीं मिलने के कारण छात्रों का एकेडमी कैरियर प्रभावित हो रहा है. कई प्रतियोगी परीक्षाओं को उत्तीर्ण करने के पश्चात छात्रों से मूल प्रमाण पत्र की मांग की जाती है. आइएएस, आइपीएस, सेना, रेलवे समेत कई अन्य संस्थानों में नौकरी के लिए क्वालीफाइ करने वाले छात्रों से उनकी मूल डिग्री मांगी जाती है. ऐसे में छात्रों को डिग्री प्राप्त करने के लिए कई स्तर पर परेशानी उठानी पड़ती है.

सत्रों को नियमित करने की पुरजोर कोशिश

इस समय विश्वविद्यालय में ऑनलाइन आवेदन के आधार पर डिग्री उपलब्ध कराने की व्यवस्था है. लेकिन 90% से अधिक मामलों में छात्रों को कैंपस में आकर ही अपनी डिग्री लेने की प्रक्रिया पूरी करनी पड़ती है. जो सहज नहीं है. विश्वविद्यालय परीक्षा विभाग का कहना है कि विगत तीन सालों में सत्रों को नियमित करने की पुरजोर कोशिश हुई है. इस दौरान यूजी, पीजी व बीएड के साथ स्पेशल व बैकलॉग की तकरीबन 100 परीक्षाएं ली गयी हैं. कम समय में परीक्षाओं का आयोजन व परिणाम जारी करना विभाग के लिए एक उपलब्धि है.

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प्रतिदिन 200 डिग्रियां छात्रों को दी जा रही हैं

वहीं पूर्व के विभिन्न स्नातक व पीजी के सत्रों में विगत एक वर्षों में 11437 डिग्रियां जारी की गयी हैं. जबकि 7000 डिग्री बनकर तैयार है. एक वर्ष में 8685 माइग्रेशन व 8314 प्रोविजन सर्टिफिकेट जारी किया गया है. इस समय प्रतिदिन 200 डिग्रियां छात्रों को दी जा रही हैं. जयप्रकाश विश्वविद्यालय में डिग्री, मार्कशीट, नामांकन मिलने में आ रही परेशानी व सत्रों की अनियमितता के कारण छात्र-छात्राएं अपना माइग्रेशन निकालकर प्रदेश के दूसरे विश्वविद्यालयों या राज्य के बाहर की शैक्षणिक संस्थाओं में अपना नामांकन करा रहे हैं.

माइग्रेशन के लिये अब तक करीब 10910 आवेदन

प्राप्त जानकारी के अनुसार विगत पांच वर्षों में लगभग 20 हजार रेगुलर छात्रों ने अपना माइग्रेशन निकाला है. वहीं हजारों आवेदन अभी प्रक्रिया में हैं. वर्ष 2021-22 में ही माइग्रेशन के लिये अब तक करीब 10910 आवेदन विश्वविद्यालय को मिले हैं.जिसमें से 8685 माइग्रेशन जारी भी कर दिया गया है. प्रतिमाह करीब 400 छात्र-छात्राएं माइग्रेशन के लिये ऑनलाइन आवेदन कर रहे हैं.

क्या कहते हैं कुलपति

जेपीयू के कुलपति प्रो फारूक अली का कहना है की पिछले 10 माह में ही करीब 12 हजार डिग्रियां जारी हुई हैं. सत्र 2017-20 के लिए दीक्षांत समारोह का डीम्ड डेट मिलने का इंतजार है. इसके लिए सक्षम प्राधिकार को पत्र लिखा गया है. तिथि निर्धारित होते ही डिग्री बनाकर छात्रों को उपलब्ध कराने की प्रक्रिया शुरू होगी.

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