सदर अस्पताल में दलालों ने तीन गरीब मरीजों को निजी क्लीनिक भेज कर वसूले ₹44 हजार
सदर अस्पताल में एक बार फिर दलाल सक्रिय हो गये हैं, जिसने अस्पताल की व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिये हैं.
छपरा. सदर अस्पताल में एक बार फिर दलाल सक्रिय हो गये हैं, जिसने अस्पताल की व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिये हैं. हाल ही में, अमनौर थाना क्षेत्र के जहरी पकड़ी गांव के तीन गरीब मरीज दलालों के चंगुल में फंस गये और इलाज के नाम पर निजी क्लीनिक में ₹44 हज़ार का भारी बिल भर बैठे. हैरानी की बात यह है कि इतना पैसा खर्च करने के बावजूद भी मरीजों का ठीक से इलाज नहीं हो सका. यह घटना बीते नौ नवंबर की है, जब जमीन विवाद को लेकर दो पक्षों में झड़प हो गयी थी. इसमें जहरी पकड़ी गांव के सनोज कुमार राय (36 वर्ष), विधान कुमार (25 वर्ष) और लालमती देवी गंभीर रूप से घायल हो गये थे. पहले इन्हें अमनौर रेफरल अस्पताल ले जाया गया, जहां से बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल छपरा रेफर किया गया. सदर अस्पताल पहुंचते ही दलाल सक्रिय हो गये. मरीजों के परिजनों ने बताया कि अस्पताल में मौजूद दलालों ने उन्हें गुमराह करते हुए कहा कि यहां डॉक्टर उपलब्ध नहीं हैं, इसलिए निजी क्लीनिक में ले चलना बेहतर रहेगा. दलालों की बातों में आकर परिजन मरीजों को निजी क्लीनिक ले गये, जहां दो दिनों तक इलाज चला और उनसे ₹44 हजार रुपये वसूले गये. मंगलवार की शाम, जब परिजनों के पैसे खत्म हो गये, तो निजी क्लीनिक ने मरीजों को वापस सदर अस्पताल भेज दिया. अस्पताल पहुंचने के बाद, मरीजों के परिजनों ने जमकर हंगामा किया और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने आरोप लगाया कि सदर अस्पताल में दलालों का बोलबाला है, जो गरीब मरीजों को झांसे में लेकर निजी क्लीनिक भेज देते हैं. गौरतलब है कि सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ आरएन तिवारी ने कुछ समय पहले दलालों पर नकेल कसने की कार्रवाई की थी, लेकिन अब एक बार फिर उनका नेटवर्क सक्रिय हो गया है और गरीब मरीजों को शिकार बना रहा है, जिससे अस्पताल की व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं.
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