#VashishthaNarayanSingh : शादी के दिन भी पढ़ाई के कारण लेट हो गयी थी बरात

डोरीगंज (छपरा) : महान गणितज्ञ डॉ वशिष्ठ नारायण सिंह के निधन की सूचना के बाद उनकी ससुराल के गांव में भी उदासी छा गयी. सदर प्रखंड के खलपुरा गांव निवासी एमबीबीएस डॉ दीप नारायण सिंह की दूसरी पुत्री वंदना सिंह से उनका विवाह 1974 में हुआ था, जो पीएचडी थीं. उनकी ससुराल के पड़ोसी व […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 15, 2019 5:45 AM
डोरीगंज (छपरा) : महान गणितज्ञ डॉ वशिष्ठ नारायण सिंह के निधन की सूचना के बाद उनकी ससुराल के गांव में भी उदासी छा गयी. सदर प्रखंड के खलपुरा गांव निवासी एमबीबीएस डॉ दीप नारायण सिंह की दूसरी पुत्री वंदना सिंह से उनका विवाह 1974 में हुआ था, जो पीएचडी थीं. उनकी ससुराल के पड़ोसी व एयरफोर्स से रिटायर मुन्ना सिंह बताते हैं कि जब डॉ वशिष्ठ नारायण सिंह की शादी हुई तो उस समय उनकी उम्र लगभग 21-22 साल थी. बरात एकदम साधारण थी. बरात देर रात को लगी थी.
जानकारी मिली कि वशिष्ठ नारायण सिंह शादी के दिन भी कमरे का दरवाजा बंद कर पढ़ाई में व्यस्त थे, जिसके कारण विलंब हुआ. उनके मुताबिक शादी के समय उनकी ख्याति गणितज्ञ के रूप में हो गयी थी. इससे शादी के दौरान उनको देखने के लिए छपरा के लगभग सभी कॉलेजों के प्रोफेसर व जिले के नामी-गिरामी लोग पहुंचे थे.
मुन्ना सिंह बताते हैं कि शादी के दौरान लोगों ने वशिष्ठ नारायण से मंच से कुछ बोलने का आग्रह किया. इस पर वे घंटों अंग्रेजी में ही बोलते रहे. मुन्ना सिंह बताते हैं कि वे अपने बड़े भाई का सम्मान पिता तुल्य करते थे. बड़े भाई का नाम सुनते ही राइट टाइम हो जाते थे. मुन्ना सिंह बताते हैं कि वशिष्ठ नारायण सिंह को बांसुरी वादन का भी शौक बचपन से ही था.