भव्या एप में आयी तकनीकी गड़बड़ी से अस्पताल में घंटों रुका पंजीकरण
भव्या एप में आयी तकनीकी गड़बड़ी से अस्पताल में घंटों रुका पंजीकरण
मरीजों को हुई भारी परेशानी सिमरी बख्तियारपुर. सोमवार को सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडलीय अस्पताल में डिजिटल स्वास्थ्य सेवा से जुड़े भव्या एप में आयी तकनीकी गड़बड़ी के कारण मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. मिली जानकारी के अनुसार सुबह से ही अस्पताल में मरीजों की लंबी कतारें लगी थीं, लेकिन एप सर्वर डाउन रहने से रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया बाधित हो गयी. अस्पताल सूत्रों के मुताबिक, भव्या एप के माध्यम से मरीजों का पंजीकरण, जांच रिपोर्ट और दवा पर्ची की एंट्री ऑनलाइन की जाती है. सोमवार को एप में आयी तकनीकी समस्या के कारण न तो मरीजों का नाम दर्ज हो पा रहा था, न ही ऑनलाइन टोकन नंबर निकल पा रहा था. इस वजह से कई घंटे तक रजिस्ट्रेशन काउंटर ठप रहा और सैकड़ों मरीजों को लाइन में खड़ा रहना पड़ा. मैन्युअल पंजीकरण से शुरू हुआ इलाज स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्यकर्मियों ने बाद में मैन्युअल रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था शुरू की. इससे धीरे-धीरे मरीजों का इलाज शुरू हो सका. सूत्र बताते हैं कि एप में इधर कई सोमवार से सर्वर एरर आ रहा है. इस सोमवार भी सुबह साढ़े दस बजे से दोपहर तक सिस्टम काम नहीं कर रहा था. बाद में मरीजों को मैन्युअली रजिस्टर कर इलाज शुरू किया गया. इसी दौरान कई मरीजों ने नाराज़गी जतायी. ठंड बढ़ने के साथ मरीजों की संख्या में इजाफा इधर ठंड बढ़ने के साथ अस्पताल में मरीजों की संख्या भी बढ़ने लगी है. सर्दी-खांसी, बुखार, जोड़ों के दर्द और वायरल संक्रमण से पीड़ित लोग बड़ी संख्या में इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. सोमवार को ओपीडी में सामान्य दिनों की तुलना में दोगुनी भीड़ देखने को मिली. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि भव्या एप की तकनीकी समस्या अस्थायी थी, जिसे विभागीय स्तर पर ठीक करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. क्या है भव्या एप भव्या एप बिहार सरकार की एक डिजिटल स्वास्थ्य योजना है. इसके तहत राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में मरीजों का ऑनलाइन पंजीकरण, जांच रिपोर्ट और प्रिस्क्रिप्शन डिजिटल रूप से दर्ज किए जाते हैं. इसका उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं को पारदर्शी, तेज़ और पेपरलेस बनाना है. इस एप के जरिए मरीजों की जानकारी राज्यभर के अस्पतालों में एकीकृत रहती है, जिससे किसी भी सरकारी अस्पताल में उनका उपचार रिकॉर्ड आसानी से देखा जा सकता है. हालांकि सोमवार को सिमरी बख्तियारपुर में आयी तकनीकी गड़बड़ी ने यह भी दिखाया कि सिस्टम में सुधार की अभी भी जरूरत है ताकि आम मरीजों को ऐसी परेशानियों का सामना न करना पड़े.
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