पांच महीनों में 35 लाल लौट कर नहीं आये घर

सहरसा : कई तरह की स्पीड बाइक व कार के बाजार में आने व सड़क की खराब स्थिति एवं यातायात नियमों का सही तरीके से पालन नहीं करने के कारण जिले में सड़क दुर्घटनाओं में काफी वृद्धि हुई है. औसतन प्रत्येक माह पांच मौत व आठ लोग जख्मी हो रहे हैं. 2019 की बात करें […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 27, 2019 2:31 AM

सहरसा : कई तरह की स्पीड बाइक व कार के बाजार में आने व सड़क की खराब स्थिति एवं यातायात नियमों का सही तरीके से पालन नहीं करने के कारण जिले में सड़क दुर्घटनाओं में काफी वृद्धि हुई है. औसतन प्रत्येक माह पांच मौत व आठ लोग जख्मी हो रहे हैं. 2019 की बात करें तो जिले के विभिन्न थाना में सड़क दुर्घटना से संबंधित 42 मामले दर्ज हुए हैं.

इसमें 35 की मौत हो गयी और 42 लोग जख्मी हुए हैं. वहीं वर्ष 2018 में विभिन्न थाना में 118 मामले दर्ज किये गये थे. इसमें 82 लोगों की मौत हो गयीव 97 लोग जख्मी हो गये थे. कई घर का इकलौता चिराग बुझ गया तो कई के मांग से सिंदूर उजड़ गया. बावजूद चालक लहरियाकट वाहन चलाने, ओवरटेक करने से परहेज नहीं करते हैं. जल्दबाजी के चक्कर में लोग काल के गाल में समा रहे हैं.
जुर्माना देना समझते हैं शान: यातायात नियमों के पालन करने व लोगों के बीच जागरूकता के लिए विभाग द्वारा भी कई बार कार्यक्रम चलाये जाते हैं. वाहन चालकों से अभियान चला कर जुर्माना भी वसूला जाता है, लेकिन बेपरवाह वाहन चालक जुर्माना देना अपने लिए शान की बात समझते हैं.
चालक यातायात नियम के उल्लंघन के आरोप में जुर्माना अदा करने के बाद भी हेलमेट, जूता व वाहन का सभी कागजात साथ रखना अपनी जिम्मेवारी नहीं समझते हैं. सबसे जरूरी है कि सड़क से संबंधित मूल नियमों का ईमानदारी से पालन किया जाये, चाहे वो सड़क पर चलनेवाले लोग हों या वाहन चालक. यदि सभी नियमों का सही तरीके से पालन करेंगे, तो दुर्घटनाएं कम होंगी.
साइलेंसर में हेरफेर कर यातायात कानून का उड़ाया जा रहा है मजाक : इन दिनों साइलेंसर में हेरफेर कर वाहन चालक यातायात कानून का खुलेआम मजाक उड़ा रहे हैं. खासकर बुलेट चालक विभिन्न तरह के आवाज वाले साइलेंसर लगा कर वातावरण को प्रदूषित कर रहे हैं.
तेज आवाज के कारण यातायात व्यवस्था भी चरमराती है. कानफाड़ू आवाज के कारण बुलेट के बगल से गुजरने वाले लोग भी परेशान हो जाते हैं. युवाओं के बीच इसका क्रेज इतना है कि शोरूम से बुलेट निकालने के दूसरे दिन ही वे गैरेज में जाकर साइलेंसर में हेरफेर कर देते हैं.
अतिक्रमित सड़क व जर्जर सड़क भी है कारण
अतिक्रमित व जर्जर सड़क भी जिले में सड़क दुर्घटना का एक बड़ा कारण है. शहर की सड़कों पर दोनों तरफ से अतिक्रमण होने के कारण वाहन चालक साइड से निकलने के चक्कर में दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं, तो जर्जर सड़क पर स्पीड में चलने के कारण दुर्घटनाएं हो रही है. अतिक्रमण के कारण शहर की सड़कें सूर्य की किरण उगने के कुछ घंटों के बाद ओझल हो जाती है.
रात के सन्नाटे व अहले सुबह जो सड़क आपको 40 फीट चौड़ी दिखायी देती है. वह सुबह के आठ बजते-बजते आधी हो जाती है. शहर के बाहर एनएच व अन्य सड़कों से जैसे ही आप शहर के मध्य में प्रवेश करेंगे आपको जाम से जूझना पड़ेगा. अतिक्रमण के कारण शहर की मुख्य सड़कें सिकुड़कर गली के समान बन जाती है.

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