बिहार : लगातार 35 साल तक दूसरे के नाम पर करता रहा नौकरी, जब पेंशन लेने पहुंचा तो…

सहरसा : शिक्षा विभाग का एक हैरतअंगेज कारनामा उजागर हुआ है. जिले में नियमित शिक्षक के रूप में वर्षों से कार्यरत शिक्षक अरविंद सिंह को सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाले लाभ के समय इनके फर्जी शिक्षक के रूप में कार्य करने की बात सामने आयी है. लगभग 35 वर्षों तक फर्जी तरीके से नौकरी करते […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 5, 2018 6:45 PM

सहरसा : शिक्षा विभाग का एक हैरतअंगेज कारनामा उजागर हुआ है. जिले में नियमित शिक्षक के रूप में वर्षों से कार्यरत शिक्षक अरविंद सिंह को सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाले लाभ के समय इनके फर्जी शिक्षक के रूप में कार्य करने की बात सामने आयी है. लगभग 35 वर्षों तक फर्जी तरीके से नौकरी करते हुए विभाग को करोड़ों का चूना लगा चुके सिंह पेंशन राशि प्राप्त करने के दौरान बैंक के माध्यम से पकड़े गये, जबकि उन्होंने शातिर अंदाज में एजी आफिस से भी पेंशन के कागजात को स्वीकृत तक करा लिया था.

बैंक ने पेमेंट के दौरान दो समान नाम ही नहीं, बल्कि अन्य सभी कागजात में समानता पायी तो जांच के लिए विभाग को पत्र दिया. जिस आलोक में विभाग की नींद खुली व गहन जांच करायी गयी तो शिक्षक अरविंद सिंह पूरी तरह फर्जी पाये गये. इसके बाद विभाग ने कार्रवाई के लिए जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना राहुल चंद्र चौधरी को पत्र प्रेषित किया है. इस बाबत जानकारी देते डीपीओ श्री चौधरी ने बताया कि सत्तर कटैया प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय बजनपट्टी से सेवानिवृत्त हुए नियमित शिक्षक अरविंद सिंह को जांच के क्रम में फर्जी पाया गया है. उन्होंने बताया कि पेंशन लाभ के लिए जब एजी कार्यालय द्वारा बैंक को लिखा गया, तो इस नाम के एक शिक्षक जो मूल रूप से खगड़िया में कार्यरत थे, उनका पाया गया.

सभी कुछ मिलान के बाद बैंक को शंका हुई तो बैंक ने विभाग को जांच के लिए लिखा. जांच के क्रम में उत्क्रमित मध्य विद्यालय बजनपट्टी में कार्यरत शिक्षक अरविंद सिंह को फर्जी पाया. उन्होंने बताया कि इन पर कार्रवाई के लिए विभाग द्वारा निर्देश प्राप्त हुआ है. प्राप्त निर्देश के आलोक में बीइओ सत्तरकटैया अशोक कुमार को निर्देश दिया गया है. उन्होंने बताया कि सभी तरह की राशि वसूल के लिए इन पर सर्टिफिकेट केस भी दर्ज कराया जायेगा.

यह भी पढ़ें-
बिहार : शिक्षा विभाग ने अपने आदेश को किया स्थगित, नियोजित शिक्षक अब नहीं बनेंगे प्रभारी प्रधानाध्यापक

Next Article

Exit mobile version