Video रेल बजट की यादें: जब लालू यादव व नीतीश कुमार बने रेल मंत्री, बिहार को उम्मीद से बढ़कर मिली सौगात

रेल बजट की यादें: जब पहले रेल बजट और आम बजट दोनों अलग-अलग पेश किए जाते थे तो राज्यों को अपने लिए उम्मीदें रहती थी. जिस राज्य से रेल मंत्री आते थे उस राज्य को अधिक उम्मीदें रहती थी. लालू यादव और नीतीश कुमार जब रेल मंत्री बने तो बिहार को सौगातों की बारिश की गयी.

By Prabhat Khabar Print Desk | February 1, 2023 6:43 AM

Budget 2023 : रेल बजट की यादें : जब लालू - नीतीश थे रेल मंत्री, Bihar को उम्मीद से बढ़कर मिली सौगात

Budget 2023: 1 फरवरी को संसद में बजट 2023 (Budget 2023) पेश किया जाएगा. अब पूर्व की तरह रेल बजट और आम बजट अलग-अलग नहीं पेश किया जाता है. वित्त मंत्री ही अब रेलवे के लिए भी बजट पेश करती हैं. वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अब रेल बजट को पहले की तरह ही अलग से पेश करने की मांग की है. बता दें कि जब नीतीश कुमार और लालू यादव रेल मंत्री रहे तो बिहार को उम्मीद से अधिक सौगात मिलता रहा.

नीतीश कुमार जब रेल मंत्री रहे

नीतीश कुमार एनडीए सरकार में रेल मंत्री रह चुके हैं. इस दौरान उन्होंने बिहार को कई ट्रेनों की सौगात दी थी. वहीं कई कारखाने भी नीतीश कुमार के रेल मंत्री रहते ही बिहार को मिले. इनमें नालंदा रेल कोच कारखाना की सौगात अहम रही. जबकि कोसी रेल पुल व मुंगेर रेल पुल समेत कई अन्य सौगात उन्होंने बिहार को दिया. जबकि सप्तक्रांति सुपरफास्ट एक्सप्रेस, अर्चना एक्सप्रेस, उपासना एक्सप्रेस समेत कई अन्य ट्रेनें नीतीश कुमार की विशेष सौगातों में शूमार है.

लालू यादव जब रेल मंत्री बने

वहीं राजद सुप्रीमो लालू यादव 2004 में रेलमंत्री बनाए गए थे. यूपीए सरकार में रेल मंत्रालय का जिम्मा जब लालू यादव को अपने हाथों में मिला तो उन्होंने बिहार को अनेकों सौगातें दी. कई ट्रेनों का परिचालन शुरू करवाया. इस दौरान मिथिलांचल में जानकी एक्सप्रेस को फिर से चालू करवाया गया.

Also Read: बजट 2023: कोरोना की तबाही के बाद हेल्थ सेक्टर को अधिक फंड की जरूरत, बिहार के डॉक्टरों की चिंता व उम्मीद जानें
लालू यादव का योगदान

लालू यादव ने गरीब रथ को चलवाकर कम खर्च में आम लोगों को एसी में रेल सफर करवाया था. भागलपुर रूट पर कई ट्रेनें लालू यादव के कार्यकाल की ही देन है. वहीं कई ट्रेनों के फेरे भी बढ़ाए गए थे. कइ ट्रेनों के रूट विस्तार का फैसला लिया गया था. सीतामढ़ी से निर्मली रेल लाइन हो या दरभंगा से मुजफ्फरपुर के बीच नइ पटरी का प्रस्ताव, ये तत्कालीन रेल मंत्री लालू यादव का ही प्रयास था. कुलियों को लालू यादव ने जब स्थाई नौकरी समेत कई अन्य सौगात दिए तो वो उनके मसीहा बन बैठे. छपरा का रेल इंजन कारखाना और रेल पहिया कारखाना भी उनके ही प्रयास से मिला था.

Posted By: Thakur Shaktilochan

Next Article

Exit mobile version