पूर्णिया में शिमला व दार्जिलिंग जैसा नजारा, गलन वाली ठंड अभी करेगी टॉर्चर
मौसम को लेकर अब अधिक अलर्ट रहने की जरूरत है. हालांकि, पूरा पूर्णिया कोल्ड वेव की चपेट में है पर अगले चार दिनों तक गलन वाली ठंड अब टॉर्चर करने वाली है.
मौसम. कोहरा व कड़ाके की ठंड से फिलहाल राहत मिलने के आसार नहीं, 28 तक सतर्क रहने की अपील
ठंडी पछुआ हवाओं, कोहरे व लगातार गिरते तापमान के कारण दिन में भी ठिठुरन की जा रही है महसूसपूर्णिया. मौसम को लेकर अब अधिक अलर्ट रहने की जरूरत है. हालांकि, पूरा पूर्णिया कोल्ड वेव की चपेट में है पर अगले चार दिनों तक गलन वाली ठंड अब टॉर्चर करने वाली है. मौसम के तापमान में गिरावट आने से लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. ठंड का आलम यह है कि पूर्णिया में शिमला और दार्जिलिंग जैसा नजारा है. कोहरा और कड़ाके की ठंड से फिलहाल राहत मिलने के आसार नहीं हैं. आईएमडी ने आगामी 28 दिसंबर तक विशेष रूप से सतर्क रहने की अपील की है. मौसम विभाग ने जरूरत न हो तो घर के अंदर ही रहने की सलाह लोगों को दी है. इस बीच बुधवार को पूर्णिया में मौसम का अधिकतम तापमान 17.5 व न्यूनतम तापमान 12.8 डिग्री सेल्सियस रिकाॅर्ड किया गया.
दरअसल, ठंड अब सवाब पर है. क्रमवार रूप से तापमान के पुराने रिकाॅर्ड टूट रहे हैं. जिले में बुधवार को भी कोल्ड डे जैसे हालात रहे, जबकि सुबह से सूर्यदेव के दर्शन भी दुर्लभ हैं. सुबह कई इलाकों में कोहरे की धुंध छायी रही, जबकि सर्द हवा कनकनी बढ़ा रही है. आलम यह है कि ठंडी पछुआ हवाओं, कोहरे और लगातार गिरते तापमान के कारण दिन में भी ठिठुरन महसूस की जा रही है. रात का तापमान भी बेहद कम हो रहा है. मौसम के इस मिजाज से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है. आईएमडी के पूर्वानुमान की मानें तो 25 दिसंबर यानी गुरुवार से ठंड और तेज हो सकती है. मौसम विभाग के मुताबिक हिमालय की ओर से आ रही पछुआ हवा और कमजोर धूप की वजह से लगातार तापमान में गिरावट देखने को मिल रहा है. इससे अभी कहीं कोहरा तो कहीं ठिठुरन वाली ठंड लोगों को परेशान करेगी, जबकि ठिठुरन वाली ठंड का यह दौर अभी बना रहने वाला है.गलन वाली ठंड देख घरों में दुबके लोग
मौसम के बदलते मिजाज के बीच गलन वाली ठंड का अहसास कर शहर में अधिकांश लोग बुधवार को घरों में दुबके रहे और हीटर की गरमी में दिन भर टीवी सीरियलों का लुत्फ उठाया. हड्डियों को वेध देने वाली सर्द पछिया हवा के कारण लोग घरों में दुबक गये हैं. अचानक से बढ़ी ठंड के कारण खास तौर पर बुजुर्ग और बीमार रहने वाले लोगों ने खुद घरों की चहारदीवारी के दायरे में खुद को समेट लिया है. इधर, कड़ाके की ठंड शुरू हो जाने के कारण बाजार का पूरा कारोबार ठंडा पड़ गया है. यह अलग बात है कि गर्म कपड़े, हीटर व दवाओं की दुकानों पर लोग नजर आ जाते हैं. आलम यह है कि विभिन्न बाजारों में औसतन तीस फीसदी बिक्री कम हो गयी है.ठंड से खेती और किसानी में खलल
हाई लेबल ठंड से आम आदमी तो परेशान हो ही रहा है पर अचानक ठंड के खतरनाक होते रूप ने खेती के काम काज में भी खलल डाल दी है. खासतौर से तेलहनी फसलों पर लाही के खौफ का साया मंडराने लगा है. ठंड देखकर आलू और मक्का के किसान भी परेशान हो उठे हैं. हालांकि, जागरूक किसान बचाव की तैयारी में जुट गये हैं. वैसे, किसान मानते हैं कि गेहूं की खेती के लिए ऐसा मौसम सोना है, क्योंकि ऐसे मौसम में गेहूं का ग्रोथ बढ़ता है. उसके शीश बढ़ते हैं जिससे फलन अच्छा होता है. मगर यही मौसम मक्का का ग्रोथ रोक देता है और आलू पाला को मार सकता है. किसान इस बात से ज्यादा चिंतित हैं कि ठंड के इस तेवर के कारण सरसों पर लाही का हमला हो सकता है.
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