सीमांचल में एचआइवी मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि से स्वास्थ्य विभाग चिंतित
एड्स दिवस आज
एड्स दिवस आज
पूर्णिया. पूर्णिया समेत पूरे सीमांचल में एचआइवी मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है जो बेहद चिंता का सबब है. कहीं कम तो कहीं ज्यादा संख्या में इसके मरीज हर इलाके में मिल रहे हैं. राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल परिसर स्थित एआरटी केंद्र पर दवा के लिए आनेवाले मरीजों की संख्या पर अगर गौर किया जाय तो अमूमन प्रत्येक माह पूरे कोसी- सीमांचल से लगभग चार से पांच दर्जन नये एचआइवी संक्रमित लोगों के नाम जुड़ते हैं. संक्रमण के लगातार बढ़ते ग्राफ से स्वास्थ्य विभाग चिंतित है. दूसरी ओर इस सेंटर के शुरू होने से लेकर अब तक यहां रजिस्टर्ड मरीजों की संख्या में भी जबर्दस्त उछाल देखी जा रही है. चिकित्सकों का कहना है कि संक्रमित रक्त, असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित सुईयों, सीरिंज आदि के द्वारा यह रोग एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है. हालांकि विभिन्न सरकारी, गैर सरकारी एवं स्वयं सेवी संगठनों द्वारा लगातार एड्स के खिलाफ जनजागरूकता अभियान चलाये जाने के बावजूद इसके मरीजों की बढ़ती संख्या सम्पूर्ण मानव समाज के लिए एक चेतावनी है. पूर्णिया एआरटी सेंटर पर पूर्णिया के अलावा किशनगंज, अररिया और मधेपुरा जिले के मरीज भी बड़ी संख्या में दवा और सलाह के लिए हर माह पहुंचते हैं. पूर्णिया एआरटी सेंटर एमओ डॉ. सौरभ कुमार ने बताया कि पूर्णिया सेंटर के निबंधित एड्स मरीजों को नियमित रूप से सेवन के लिए दवाइयां उपलब्ध करायी जाती है. इसके अलावा विभिन्न योजनाओं के तहत पीड़ित परिवार के लिए सरकारी आर्थिक सहायता योजना भी क्रियान्वित है.जांच अभियान की वजह से मरीजों पहचान हुआ आसान
एचआइवी सर्वेक्षण व अन्य कार्यों से जुड़े बीएन. प्रसाद ने बताया कि टीआई यानि टार्गेटेड इंटर्वेन्शन के तहत एनजीओ द्वारा एचआईवी के सबसे ज्यादा जोखिम वाले क्षेत्रों में समय समय पर कैम्प लगाकर लोगों के रक्त की जांच की जाती है. इसके लिए विशेष स्वास्थ्य टीम निर्धारित स्थानों पर कैम्प करती है और सैम्पल कलेक्ट कर अपना रिपोर्ट प्रस्तुत करती है. उसके बाद संक्रमित लोगों को उनके नजदीकी एआरटी सेंटर से जोड़ा जाता है जहां से उन्हें दवाइयां तथा अन्य सहायताएं मिलती हैं. उन्होंने यह भी बताया कि जन जागरूकता बढ़ने से इन कैम्पों में अब लोग बेझिझक आकर अपने रक्त की जांच करवाने लगे हैं लेकिन संक्रमितों की बढती संख्या बेहद चिंताजनक है.
बोले चिकित्सक
हर तरफ से जनजागरूकता अभियान चलाए जाने के बावजूद एड्स के मरीजों की संख्या बढती जा रही है, यह चिंता का विषय है. इस दिशा में सभी को सतर्क रहने की जरुरत है. इसके फैलने वाले कारकों से परहेज करके ही हम खुद को सुरक्षित रख सकते हैं. वहीं नियमित दवा के सेवन से पीड़ितों की मृत्युदर में गिरावट आई है.
डॉ. सौरभ कुमार, एमओ, एआरटी पूर्णिया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
