शीतलहर से ठिठुर रही जिंदगी, निगम के दावों पर भारी पड़ रही ठंड

शीतलहर के बीच शहर पर कोहरे की चादर और ठिठुरती जिंदगी, फिर भी शहर में अलाव का मुकम्मल इंतजाम नहीं है.

By AKHILESH CHANDRA | December 29, 2025 7:20 PM

सुबह से शाम तक ठंड से ठिठुरने को मजबूर हैं आम यात्री व राहगीर

पिछले 12 दिनों से लगातार अलाव जलाए जाने का दावा कर रहा निगम

पूर्णिया. शीतलहर के बीच शहर पर कोहरे की चादर और ठिठुरती जिंदगी, फिर भी शहर में अलाव का मुकम्मल इंतजाम नहीं है. नगर निगम ने अपने तरफ से इसकी व्यवस्था की है और दावा भी है कि हर शाम अलाव जलाए जा रहे हैं पर आलम यह है कि ठंड और शीतलहर निगम के तमाम दावों पर भारी पड़ रही है. याद रहे कि ठंड के तल्ख तेवर को देख प्रशासन की ओर से अलग-अलग दो-दो बार आदेश जारी किए गये और आपदा प्रबंधन से आवंटन भी किया गया, ताकि ठिठुरती जिंदगी को राहत मिले. फिर भी सोमवार को शहर के सार्वजनिक स्थलों पर सुबह से दोपहर तक कई सार्वजनिक स्थलों पर लोग ठंड से ठिठुरते नजर आए. दरअसल, ठंड ने लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त कर रखा है. आलम यह है कि शहर के सार्वजनिक स्थलों, प्रमुख चौक-चौराहों पर अलाव की व्यवस्था न होने से यात्री, राहगीर, ऑटो-रिक्शा चालक और फुटपाथ पर रहने वाले लोग भीषण शीतलहर में सुबह से शाम तक ठिठुरने को मजबूर हैं.

गौरतलब है कि आइएमडी ने कड़ाके की ठंड और शीतलहर को लेकर अलर्ट तक जारी कर दिया गया है. वैसे, देखा जाए तो पिछले चार-पांच दिनों से भीषण सर्दी और शीतलहर का प्रकोप लगातार जारी है. बर्फीली हवाओं और गिरते तापमान ने आम जनमानस का जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है. हर कोई इस भीषण सर्दी से बेहाल नजर आ रहे हैं. ऐसे हालात में प्रशासनिक स्तर पर सार्वजनिक स्थानों पर जलाए जाने वाले अलाव आम यात्रियों, राहगीरों, और रिक्शा-टेम्पो और ठेला चालकों के साथ मजदूरों के लिए राहत का सबसे बड़ा सहारा होते हैं. इस हालात में लोग मानते हैं कि ठंड का कोई वक्त नहीं होता और लोग काम को लेकर सुबह से ही निकल पड़ते हैं. इस लिहाज से दिन में भी लोग अलाव की जरूरत महसूस कर रहे हैं.

दावा : दिन में नहीं शाम में 50 जगहों पर जलता है अलाव

हकीकत चाहे जो हो, निगम का दावा अपनी जगह अटल है. बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन के आसपास यात्री सुबह से ठिठुरते हैं, पर निगम इन सार्वजनिक स्थलों पर शाम से अलाव की व्यवस्था करता है. इस बाबत पूछे जाने पर पूर्णिया के नगर आयुक्त कुमार मंगलम ने बताया कि नगर निगम की ओर से पिछले 19 दिसंबर से नियमित अलाव की व्यवस्था हो रही है. श्री मंगलम ने कहा कि अलाव की यह व्यवस्था दिन के समय नहीं, बल्कि हर रोज शाम में की जाती है. उन्होंने बताया कि फिलहाल शहर के अलग-अलग 50 सार्वजनिक स्थलों पर अलाव की व्यवस्था सुनिश्चित की गयी है. इसके लिए निगम के एक कर्मी को जवाबदेही सौंपी गयी है.

हकीकत : अपराह्न कहीं जलते नजर नहीं आये अलाव

सोमवार को अपराह्न प्रभात खबर की टीम ने शहर के अलग-अलग चौराहों और सार्वजनिक स्थलों का जायजा लिया. बस स्टैंड के अंदर और बाहर कहीं अलाव जलता नजर नहीं आया. कई यात्री आसपास की चाय दुकानों के चूल्हे के पास ठंड से बचाव के लिए खड़े नजर आए. कई बस कर्मियों ने भी बताया कि प्रशासनिक स्तर पर फिलहाल अलाव नहीं जल रहा है. शहर के आरएनसाव चौक और कचहरी चौक के आसपास भी लोगों का जमावड़ा लगता है पर अलाव की व्यवस्था नजर नहीं आयी. लाइन बाजार चौक और बगल का बिहार टॉकीज मोड़ पर भी बस या ऑटो पकड़ने के लिए लोग जुटते हैं. बिहार टॉकीज मोड़ के पास कुछ लोग कागज, कार्टून और फलपेटी के टुकड़ों से जल रहे अलाव के पास बैठे नजर आए. पूछने पर लोगों ने कहा यह अपनी तात्कालिक व्यवस्था है. भट्ठा हाट और आसपास भी यह व्यवस्था नहीं दिखी.

बोले अधिकारी

जिले में अलाव की व्यवस्था के लिए आठ लाख की राशि आपदा विभाग को प्राप्त हुई है. इसमें मांग के आधार पर सभी अंचल एवं नगर निकाय को 25-25 हजार की राशि प्रदान की गयी है. वहीं, नगर निगम क्षेत्र के लिए भी 50 हजार रुपये अलाव के मद में दिए गये हैं. इस मद में अबतक कुल 6.5 लाख रुपये दिए जा चुके हैं. इसके अलावा विशेष आवश्यकता की स्थिति के लिए भी कुछ राशि सुरक्षित रखी गयी है.

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