Voter Adhikar Yatra: 14 दिन, 24 जिले और 50 विधानसभा क्षेत्र… राहुल-तेजस्वी की इस यात्रा का क्या है असली मकसद?
Voter Adhikar Yatra: महागठबंधन की वोटर अधिकार यात्रा शनिवार को आरा पहुंची, जहां राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और अखिलेश यादव ने संयुक्त शक्ति प्रदर्शन किया. विपक्ष ने बीजेपी पर वोटर लिस्ट से नाम काटने का आरोप लगाया. तेजस्वी यादव ने खुद को सीएम चेहरा घोषित किया. यात्रा अब आखिरी पड़ाव में है. कल इसका समापन होगा. जानिए, आखिर इस यात्रा के जरिए विपक्ष क्या मैसेज देना चाहता है?
Voter Adhikar Yatra: बिहार में महागठबंधन की वोटर अधिकार यात्रा शनिवार को आरा पहुंची. यह यात्रा आज यानी रविवार (31 अगस्त) को विश्राम पर रहेगी और 1 सितंबर को पटना में समाप्त होगी. आरा में विपक्ष ने बड़ा शक्ति प्रदर्शन किया, जहां तेजस्वी यादव के साथ कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव मंच साझा करते नजर आए. विपक्ष ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि वोटर लिस्ट से नाम काटकर लोकतंत्र को कमजोर किया जा रहा है. अखिलेश यादव ने कहा कि जैसे अवध की जनता ने बीजेपी को हटाया, वैसे ही मगध की जनता भी हटाने का काम करेगी.
17 अगस्त को शुरू हुई थी यात्रा
बता दें, राहुल गांधी के नेतृत्व में यह वोटर अधिकार यात्रा 17 अगस्त को सासाराम से शुरू हुई थी और 14 दिनों में करीब 1300 किलोमीटर का सफर तय करते हुए 24 जिलों और 50 विधानसभा क्षेत्रों से होकर गुजरी. राहुल गांधी ने इस दौरान लगातार बीजेपी और प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा और जनता को वोट चोरी के खिलाफ सजग रहने की अपील की.
आरा में राहुल को दिखाये गये काले झंडे
आरा में राहुल गांधी को बीजेपी कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ा, जिन्होंने उन्हें काले झंडे दिखाए. जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने इस अभियान को महज चुनावी हथकंडा बताया. वहीं विपक्ष का कहना है कि यह जनता के अधिकार की लड़ाई है. तेजस्वी यादव ने आरा की सभा में खुद को महागठबंधन का मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित किया. उन्होंने जनता से पूछा कि वे असली मुख्यमंत्री चाहते हैं या डुप्लीकेट.
सरकार के मंत्री ने राहुल-तेजस्वी पर साधा निशाना
दूसरी ओर, बिहार सरकार के मंत्री नीरज कुमार बबलू ने राहुल और तेजस्वी पर निशाना साधते हुए कहा कि दोनों राज्य में अराजकता फैलाना चाहते हैं, क्योंकि उनका जनाधार खत्म हो चुका है. उन्होंने इसे राजनीति का नया नाटक बताया और आरोप लगाया कि ये लोग प्रधानमंत्री को मंच से गालियां दिलवाते हैं.
विपक्ष ने की राजनीतिक संदेश देने की कोशिश
इस यात्रा के जरिए विपक्ष ने कई राजनीतिक संदेश देने की कोशिश की. राहुल, तेजस्वी और अखिलेश का मंच पर आना यह सवाल खड़ा करता है कि क्या विपक्ष अब MY समीकरण से आगे बढ़कर PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) की ओर बढ़ रहा है?
