Voter Adhikar Yatra: राहुल-तेजस्वी-अखिलेश की तिकड़ी क्या बदल पाएगी बिहार चुनाव में महागठबंधन की तस्वीर?
Voter Adhikar Yatra: बिहार में इन दिनों राहुल गांधी और तेजस्वी की वोटर अधिकार यात्रा जारी है. 28 अगस्त को सीतामढ़ी में सपा नेता अखिलेश यादव इस यात्रा को ज्वॉइन करेंगे. उनके यात्रा में शामिल होने से MY समीकरण मजबूत होने के कयास लगाये जा रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर…
Voter Adhikar Yatra: लोकसभा चुनाव 2024 में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी को ‘पीडीए’ (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) रणनीति से मिली बड़ी सफलता के बाद अब अखिलेश यादव बिहार में भी इसी फार्मूले को आजमाने की तैयारी में हैं. 2025 के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव ‘वोट अधिकार यात्रा’ निकाल रहे हैं. इसी दौरान 28 अगस्त को अखिलेश यादव सीतामढ़ी में राहुल गांधी से जुड़ेंगे. राजनीतिक हलकों में इस बात की चर्चा तेज है कि क्या यह तिकड़ी (राहुल, अखिलेश और तेजस्वी) बिहार में एनडीए सरकार के लिए नई चुनौती खड़ी कर पाएगी?
बिहार में MY समीकरण को मजबूत करने की तैयारी
उत्तर प्रदेश में सपा ने इस फार्मूले से भाजपा को करारा झटका देते हुए 37 सीटें जीती थीं. अब बिहार में भी मुस्लिम-यादव (एमवाई) समीकरण को मजबूत करने के लिए अखिलेश का पीडीए मॉडल तैयार है. राजनीतिक पंडितों की मानें तो यह गठजोड़ सीमांचल समेत पूरे बिहार में अल्पसंख्यक और पिछड़े वोटों को एकजुट करने का प्रयोग है.
तेजस्वी यादव ने वोट अधिकार छीनने की बात कही
तेजस्वी यादव ने यात्रा के दौरान मतदाता सूची से लाखों नाम कटने का मुद्दा उठाया और कहा कि विपक्षी वोटरों के अधिकार छीने जा रहे हैं. वहीं राहुल गांधी ने एसआईआर का विरोध करते हुए चुनाव आयोग को बीजेपी के लिए काम करने वाला बताया. चुनावी विश्लेषकों का मानना है कि यह यात्रा इंडिया गठबंधन की एकजुटता का संकेत है. अखिलेश की सक्रियता से सपा को बिहार में भी आधार मिल सकता है. हालांकि सवाल यहां ये है कि क्या यह रणनीति वोटों में तब्दील होगी या नहीं. कुल मिलाकर, पीडीए फार्मूले से बिहार की राजनीति में एमवाई समीकरण को नया जोश मिल सकता है.
