Tourist Place In Bihar: लक्ष्मण झूला का मजा अब बिहार में, इस जिले में हूबहू तैयार हो रहा राज्य का पहला सस्पेंशन ब्रिज
Tourist Place In Bihar: पटना के पुनपुन स्थित पिंडदान स्थल पर बिल्कुल लक्ष्मण झूला की तरह बिहार का पहला केबल सस्पेंशन ब्रिज बन रहा है. इसके निर्माण के लिए कैबिनेट ने 82 करोड़ 90 लाख 48 हजार रुपये की मंजूरी दी है. अनुमान है कि पितृपक्ष मेले की शुरुआत से पहले ही इसका उद्घाटन किया जाएगा.
Tourist Place In Bihar: पुनपुन नदी के किनारे पितृपक्ष घाट के पास, ऋषिकेश के लक्ष्मण झूला की तर्ज पर बनने वाले केबल सस्पेंशन ब्रिज का अब तक 80 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है. बाकी 20 प्रतिशत काम तेजी से खत्म करने के लिए कैबिनेट ने 82 करोड़ 90 लाख 48 हजार रुपये मंजूर किए हैं. उम्मीद है कि इस साल पितृपक्ष मेला शुरू होने से पहले इसका उद्घाटन हो जाएगा.
ब्रिज से सीधे घाट पहुंच सकेंगे श्रद्धालु
ब्रिज के एक ओर एप्रोच रोड का निर्माण पूरा हो चुका है, जबकि दूसरी ओर का काम जारी है. 6 से 21 सितंबर तक पुनपुन में होने वाले विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेले में श्रद्धालु और पर्यटक पहली बार इस ब्रिज से होकर तर्पण और पिंडदान के लिए घाट तक पहुंच सकेंगे.
केवल हल्के और दोपहिया वाहनों को मिलेगी एंट्री
यह प्रदेश का पहला लाइट व्हीकल केबल सस्पेंशन ब्रिज है, जिसकी लंबाई 325 मीटर और चौड़ाई 11.5 मीटर है. इसमें 18 केबल और 100 फीट ऊंचा पायलन बनाया गया है. इस पर हल्के वाहन और दोपहिया चल सकेंगे, जबकि ओवरलोडेड वाहन और ट्रैक्टरों का प्रवेश नहीं होगा. बता दें इसके निर्माण की घोषणा 26 जनवरी 2019 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की थी.
पटना से आने वाले लोगों को होगी आसानी
यह पुल रेलवे लाइन के बगल में बनाया जा रहा है, जिससे पितृपक्ष घाट तक पहुंचना पहले से आसान हो जाएगा. पटना की तरफ से आने वाले श्रद्धालु अब सीधे इस ब्रिज से होकर घाट पर पहुंच सकेंगे. पहले यहां पहुंचने के लिए पटना-गया रोड से लंबा चक्कर लगाना पड़ता था. पुल बन जाने के बाद यह परेशानी खत्म होगी और यातायात सुगम हो जाएगा, खासकर पितृपक्ष मेले के दौरान जब यहां भारी भीड़ उमड़ती है.
अगस्त के अंत तक हो सकता है उद्घाटन…
इस महीने के अंत तक इस ब्रिज के उद्घाटन की संभावना है. ऋषिकेश के लक्ष्मण झूला की तरह, बिहार का यह पुल भी दूर-दूर से लोगों को आकर्षित करेगा. इसके बनने से पुनपुन में पर्यटन का विकास जरुर होगा.
गया से पहले पुनपुन में होता है पिंडदान
मान्यता है कि पितृपक्ष में पहला पिंडदान पुनपुन नदी के किनारे किया जाता है, इसलिए इसे प्रथम अंतरराष्ट्रीय पिंडदान स्थल माना जाता है. इसके बाद ही श्रद्धालु गया में पिंडदान और तर्पण करते हैं.
(जयश्री आनंद की रिपोर्ट)
