पीयू में एडमिशन के लिए आवेदनों की कम हुई संख्या
पटना विश्वविद्यालय के कॉलेजों में आये दिन विद्यार्थियों के बीच-लड़ाई-झगड़े की घटना से एकेडमिक माहौल बिगड़ता जा रहा है.

विद्यार्थियों के बीच लड़ाई-झगड़े की वजह से एडमिशन लेने से कतरा रहे विद्यार्थी
संवाददाता, पटना
पटना विश्वविद्यालय के कॉलेजों में आये दिन विद्यार्थियों के बीच-लड़ाई-झगड़े की घटना से एकेडमिक माहौल बिगड़ता जा रहा है. हाल ही में बीएन कॉलेज में हुई बमबाजी एक छात्र की हत्या ने पीयू की छवि को खराब कर दिया है. इससे पहले भी पिछले साल लॉ कॉलेज में मारपीट में एक छात्र की हत्या हो गयी थी. शायद यही वजह है कि इस बार पहले की तुलना में आवेदन की संख्या भी घट गयी है. पहले जब विश्वविद्यालय में प्रवेश परीक्षा के आधार पर नामांकन होता था तो 30 हजार से अधिक की संख्या में आवेदन आते थे. अब स्थिति लगातार खराब होती जा रही है. इस बार 23 मई तक यूजी के रेगुलर और सेल्फ फाइनेंस कोर्स में नामांकन के लिये महज आठ हजार ही आवेदन प्राप्त हुए हैं. पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ की जेनरल सेक्रेटरी सलोनी राज ने कहा कि इस बार सीट के अनुसार नामांकन भी पूरा होगा या नहीं कहना मुश्किल है. विश्वविद्यालय में साढ़े चार हजार से अधिक सीटें हैं. एडमिशन के लिए विद्यार्थियों की रुचि कम होने की वजह से आवेदन की तिथि भी 31 मई तक बढ़ा दी गयी है. छात्र संघ की जेनरल सेक्रेटरी ने कहा कि जिस विश्वविद्यालय में आये दिन मारपीट की घटना होती हो, ऐसे में कोई भी अभिभावक अपने बच्चों को यहां एडमिशन लेने से मना करेगा. उन्होंने कहा कि मैं तो विद्यार्थियों को कहती हूं कि अगर दूसरे राज्य में पढ़ने के लिए सक्षम हैं, तो 12वीं के बाद अपनी आगे की पढ़ाई पटना विश्वविद्यालय से न करें. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में न ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जा रही है और न ही छात्रों की सुरक्षा की कोई ठोस व्यवस्था की गयी है.
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