Patna News : ढाई घंटे इंतजार करती रहीं मेयर, नहीं पहुंचे नगर आयुक्त समेत कोई अफसर, बैठक स्थगित

पटना नगर निगम की सशक्त स्थायी समिति की बैठक में नगर आयुक्त अनिमेश कुमार पराशर के नहीं पहुंचने के कारण तीसरी बार एजेंडों पर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका.

By SANJAY KUMAR SING | September 17, 2025 1:24 AM

संवाददाता, पटना : पटना नगर निगम की सशक्त स्थायी समिति की बैठक मंगलवार को भी नहीं हो सकी. बैठक में नगर आयुक्त अनिमेश कुमार पराशर के नहीं पहुंचने के कारण तीसरी बार एजेंडों पर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका. बैठक के लिए मेयर सीता साहू व डिप्टी मेयर रेशमी कुमारी सहित सशक्त स्थायी समिति के सभी सदस्य मनोज कुमार, बिनोद कुमार, कुमार संजीत, अनिता देवी, कांति देवी, श्वेता राय व कावेरी सिंह, दोपहर 12:30 बजे से दोपहर तीन बजे इंतजार करते रहे. लेकिन, नगर आयुक्त सहित कोई भी अधिकारी नहीं पहुंचे. यहां तक कि अधिकारियों ने बैठक में किसी कारणवश शामिल नहीं होने के बारे में जानकारी भी नहीं दी, जबकि नगर सचिव ने 16 सितंबर को बैठक में शामिल होने के लिए मेयर व डिप्टी मेयर सहित सशक्त स्थायी समिति के सदस्यों को 13 सितंबर को ही पत्र भेजा था. बैठक नहीं होने से विभिन्न वार्डों में विकास कार्यों से संबंधित एजेंडाें पर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका. इधर, मेयर, डिप्टी मेयर व सशक्त स्थायी समिति के सदस्यों ने बाद में प्रेस काॅन्फ्रेंस कर कहा कि नगर आयुक्त का यह रवैया तानाशाह की तरह है. इसके खिलाफ सीएम से मिल कर वस्तुस्थिति से अवगत करायेंगे. साथ ही धरना-प्रदर्शन के साथ कोर्ट की शरण में भी जायेंगे.

पहले भी दो बार स्थगित हो चुकी है बैठक

सशक्त स्थायी समिति की बैठक पहले दो बार निर्धारित तिथि को विभिन्न कारणों से नहीं हो सकी. मंगलवार को नगर आयुक्त सहित किसी भी पदाधिकारी के नहीं आने से तीसरी बार टाली गयी. इससे पहले मुख्यमंत्री द्वारा शिलान्यास व मंगल तालाब में कार्यक्रम को लेकर 26 अगस्त को बैठक स्थगित की गयी थी. इसके बाद छह सितंबर को बैठक की तिथि तय हुई. इसके लिए कार्यसूची में अंकित 200 में से सिर्फ चार मदों का संलेख प्राप्त होने के कारण बैठक की तिथि 16 सितंबर को तय की गयी. सशक्त स्थायी समिति के सदस्य बिनोद कुमार ने कहा कि नगर आयुक्त व नगर सचिव के मोबाइल पर संपर्क करने पर भी कोई रिस्पांस नहीं मिला. कोई व्यस्तता थी, तो जानकारी दे देते. निगम क्षेत्र की जनता से संबंधित विषयों पर चर्चा के लिए बैठक बुलायी गयी थी. मेयर पर बैठक नहीं बुलाने का आरोप लगाया जाता है, जबकि मेयर द्वारा बैठक बुलाने के बावजूद नगर आयुक्त की ओर से आना-कानी की जाती रही है. सदस्य कुमार संजीत ने कहा कि एकाध माह बाद चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी. सभी काम ठप रहेंगे. उन्होंने नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा सशक्त स्थायी समिति के सदस्यों का चयन चुनाव से कराने के निर्णय पर एतराज जताया.

शो-काॅज का जवाब भेज दिया गया : मेयर

मेयर ने कहा कि नगर विकास एवं आवास विभाग की ओर से भेजे गये शो-काॅज का जवाब 245 पेज में भेज दिया गया है. उन्होंने कहा कि जांच के लिए संयुक्त नगर आयुक्त के रूप में काम कर चुके देवेंद्र सुमन को जिम्मेदारी दी गयी. वह नगर आयुक्त के अधीन काम कर चुके हैं. नगर आयुक्त ने विभाग में विशेष सचिव के पद पर होने से अपने प्रभाव का प्रयोग किया है. जांच व रिपोर्ट तैयार करने की पूरी प्रक्रिया दुर्भावना से ग्रसित है. नगर आयुक्त के निरंकुश व्यवहार, भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने के कारण नोटिस भेजा गया.

नगर निगम की छवि हो रही धूमिल

इधर, मेयर के जवाब में नगर निगम प्रशासन की ओर से नगर आयुक्त का एक संलेख जारी किया गया. उसमें कहा गया कि नगर निगम की सशक्त स्थायी समिति की बैठकों में जरूरी एजेंडों को नहीं रखा जाता. इससे विकास की योजनाएं प्रभावित होती हैं और नगर निगम की छवि धूमिल होती है. इसके अलावा कई नियमों का हवाला देकर कार्य ठीक से नहीं होने की बात कही गयी है.

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